लखनऊ – उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बुधवार को अदालत परिसर में दिनदहाड़े कुख्यात अपराधी संजीव माहेश्वरी उर्फ़ संजीव जीवा की हत्या के बाद विपक्षी दलों ने राज्य की योगी सरकार पर कानून व्यवस्था को लेकर निशाना साधा है।
समाजवादी पार्टी(सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने दिल्ली और पंजाब के मुख्यमंत्रियों की मौजूदगी में इस मामले में पत्रकारों के सवाल पर तपाक से कहा कि वह इस मामले में कुछ नहीं बाेलेंगे वरना सरकार इस हत्या का इल्जाम भी समाजवादियों पर मढ देगी। हालांकि दिल्ली और पंजाब के मुख्यमंत्रियों को विदा करने के बाद दोबारा पत्रकारों के बीच पहुंचे अखिलेश ने कहा कि प्रदेश की कानून व्यवस्था ध्वस्त है। ऐसा लगता है कि भाजपा सरकार ने अपराधियों को खुली छूट दे रखी है। जो चाहे, जिसे चाहे जहां मार दे। पुलिस हिरासत में हत्याएं होे रही है। कचहरी, थाने, कोर्ट में हत्याएं हो रही है। सड़क पर हत्याएं हो रही है। उत्तर प्रदेश में लोग कहीं भी सुरक्षित नहीं है।
उन्होने कहा कि अगर पीछे मुड़कर देखा जाए तो समझ में आता है कि भाजपा सरकार उत्तर प्रदेश में कार्यवाहक डीजीपी क्यों बना रही है। एक डीजीपी रिटायर्ड हुआ दूसरा कार्यवाहक बनाया गया। दूसरा रिटायर्ड हुआ तो फिर नया कार्यवाहक डीजीपी बना दिया गया। आजादी के बाद उत्तर प्रदेश में इतने लम्बे समय तक कभी कार्यवाहक डीजीपी नहीं रहे हैं। भाजपा सरकार कार्यवाहक डीजीपी इसलिए बना रही है जिससे उनके लोगों और गुण्ड़ों को खुली छूट मिली रहे।
उधर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने अदालत परिसर में घटी दुस्साहिक वारदात पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये ट्वीट किया “ लखनऊ कोर्ट परिसर में आज हुए सनसनीखेज गोलीकाण्ड में खुलेआम हुई हत्या यूपी में कानून व्यवस्था व अपराध नियंत्रण के मामले में सरकार के लिए बड़ी चुनौती। ऐसी घटनाओं से आम जनता में काफी दहशत। सरकार सख़्त कदम उठाए, बीएसपी की यह माँग।”
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ब्रजलाल खाबरी ने कहा कि अपराध पर जीरो टॉलरेंस का दावा करने वाली उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अपराध नियंत्रण में पूरी तरह फेल साबित हुई है। यह सरकार ‘‘ क्रिमिनल फ्रेंडली सरकार ’’ बनकर रह गई है।
पुलिस कस्टडी में प्रयागराज में अपराधी की गोली मारकर हत्या का मामला अभी ठंडा भी नहीं हो पाया था कि आज राजधानी के कोर्ट परिसर में कुख्यात अपराधी संजीव जीवा की पुलिस कस्टडी में गोली मारकर हत्या व इस गोली कांड में एक बच्ची तथा सिपाही के घायल होने की घटना योगी सरकार के खत्म हो चुके इक़बाल का खुला उदाहरण है। आज अदालत में हुई हत्या ध्वस्त कानून व्यवस्था के नाम पर पुलिस और सरकार को खुला चैलेंज है।