नई दिल्ली। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर हुई हिंसा का मामला अब संसद तक पहुंच गया है। समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने मंगलवार को इस मुद्दे पर अपनी बात रखते हुए पुलिस और प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए।
अखिलेश ने कहा कि संभल में पुलिस और प्रशासन ने तानाशाही रवैया अपनाया। उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारियों ने अपने प्राइवेट हथियारों से फायरिंग की और जनता पर लाठीचार्ज किया। सपा प्रमुख ने संभल के डीएम और एसपी समेत अन्य अधिकारियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की। कहा कि सर्वे को लेकर मुस्लिम समुदाय ने शांति और संयम बनाए रखा, लेकिन पुलिस ने हिंसा को भड़काया।
कमेटी ने प्रशासन से कहा था कि सर्वे के लिए नए आदेश लेकर आएं, लेकिन अधिकारियों ने मनमानी करते हुए शाही मस्जिद पर पहुंचकर सर्वे शुरू कर दिया। जैसे ही लोगों को सर्वे की खबर मिली, वे मौके पर इकट्ठा हो गए। सीओ ने लोगों से गाली-गलौज की और लाठीचार्ज करवाया। पत्थरबाजी के जवाब में पुलिस ने सरकारी और प्राइवेट हथियारों से गोलियां चलाईं। इस फायरिंग में पांच निर्दोष लोगों की मौत हो गई। अखिलेश यादव ने कहा कि यह लड़ाई केवल संभल की नहीं है बल्कि “दिल्ली और लखनऊ” की है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह घटना एक सोची-समझी साजिश के तहत हुई है, जिसका उद्देश्य सांप्रदायिक माहौल खराब करना था। घटना की निष्पक्ष जांच। दोषी अधिकारियों पर हत्या और अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज। पीड़ित परिवारों को न्याय और मुआवजा।
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अखिलेश ने उत्तर प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य में पुलिस प्रशासन कानून का पालन कराने के बजाय तानाशाही और भेदभावपूर्ण रवैया अपना रहा है।