लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार में 80 प्रतिशत किसान कर्ज में डूबे हुए हैं। किसानों को कभी एमएसपी तो कभी सम्मानित निधि देने के नाम पर अब तक उन्हें धोखा देती आ रही है। किसानों से एमएसपी पर एक बोरी गेहूं नहीं खरीदा गया है। गन्ना किसान परेशान है। किसान बदहाली की जिंदगी जी रहा हैं। भाजपा सरकार ने किसानों के साथ छल किया है। किसानों से किया गया एक भी वादा पूरा नहीं किया है। सरकार बड़ी-बड़ी घोषणाएं करती है पर किसानों को उसका कोई लाभ नहीं मिल रहा है।
अखिलेश यादव ने कहा कि किसानों के धान खरीद में एमएसपी मूल्य में वृद्धि भाजपा सरकार का एक नया छलावा है। चुनाव सामने आया तो किसान की सुध आ गई। लागत और उत्पादन को देखते हुए किसानों को उसकी फसल के लागत खर्च का डेढ़ गुना लाभप्रद दाम मिलना चाहिए। न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि किसी किसान को मिलने वाली नहीं है। जब एमएसपी के लिए किसान आंदोलन कर रहा था तब 700 से ज्यादा किसानों के शहीद होने के बाद भाजपा की केन्द्र सरकार को तीन काले कृषि कानून वापस लेने के लिए बाध्य होना पड़ा।
सपा अध्यक्ष ने कहा कि लागत और उत्पाद को देखते हुए किसान को लागत खर्च दुगना बढ़ गया है। भाजपा की सरकार में प्राथमिकता में पूंजीघराने और बहुराष्ट्रीय कम्पनियां हैं न कि किसान है। इस वजह से किसान की फसल एमएसपी से भी कम दरों पर बिक रही है। सरकारी खरीद केन्द्र खुले नहीं तो खरीद कहां होगी? किसानों की फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य कैसे मिलेगा? जब किसान को एमएसपी नहीं मिल रही है तो उसकी आय दुगनी कैसे होगी?
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार ने खेती-किसानी के काम आने वाले डीजल, पेट्रोल, कृषि उपकरण के दामों में बेतहाशा बढ़ोत्तरी करके किसानों की जिंदगी नरक बना दी है जिससे किसान आत्महत्या करने को मजबूर हैं। भाजपा सरकार नहीं चाहती है कि किसान खुशहाल हो। वह किसानों को बदहाल बनाने की साजिशें करके पूंजीपतियों को लाभ पहुंचा रही है। भाजपा सरकार यह भूल जाए कि किसान उससे बराबर धोखा खाकर भी जागरूक नहीं होगा। किसानों में भी अब चेतना पैदा हो रही है। किसान भाजपा की जन विरोधी नीतियों का जवाब सन् 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को सत्ता से हटाकर देंगे।