Sunday, April 27, 2025

बच्चे स्वस्थ और तंदुरुस्त रहें इसलिए खिलाई जाती है पेट के कीड़े निकालने की दवा एल्बेंडाजोल : सीएमओ

नोएडा। राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के अवसर पर बृहस्पतिवार को जनपद के निजी व सरकारी स्कूलों, आंगनबाड़ी केन्द्रों पर बच्चों, किशोर-किशोरियों को पेट के कीड़े निकालने की दवा एल्बेंडाजोल खिलाई गई। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. सुनील कुमार शर्मा ने नोएडा सेक्टर 31 स्थित कम्पोजिट विद्यालय निठारी में बच्चों को दवा खिलाकर अभियान का शुभारंभ किया।

 

बच्चों को दवा खिलाने से पहले सीएमओ ने पेट के कीड़े निकालने की दवा का महत्व बताया साथ ही यह भी बताया कि इसे खाना क्यों जरूरी है। उन्होंने कहा- पेट में कीड़े होने से स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ता है। कीड़े शरीर में कमजोरी पैदा करते हैं क्योंकि जो खाना और तत्व बच्चों के शरीर में पहुंचना चाहिए वह कीड़े खा जाते हैं, इससे शरीर में खून की कमी, कैल्शियम की कमी, कुपोषण हो जाता है। इसके अलावा दस्त, कब्ज, स्किन एलर्जी हो जाती है। कई बार यह कीड़े दिमाग में भी चले जाते हैं। स्वास्थ्य विभाग साल में दो बार एक से 19 वर्ष तक के बच्चों, किशोर-किशोरियों को पेट के कीड़े निकालने की दवा खिलाता है। फरवरी और अगस्त में यह दवा खिलाई जाती है। इसे सभी को जरूर खाना चाहिए। इस दवा के सेवन से स्वास्थ्य और पोषण स्तर में सुधार के साथ साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता में भी बढ़ोतरी होगी। इस दौरान स्कूल के बच्चों ने बहुत ही अनुशासित ढंग से शांतिपूर्वक दवा का सेवन किया। दवा खिलाने से पूर्व स्कूल की सहायक अध्यापिका ने बच्चों को बताया कि किस तरह से उन्हें दवा खानी है। उन्होंने यह भी कहा कि जिन बच्चों की इस समय तबीयत खराब हो या खाना नहीं खाया हो वह इस दवा को नहीं खाएं। जो बच्चे अभी दवा नहीं खा पाएंगे उन्हें पांच फरवरी को दवा खिलाने की व्यवस्था है। स्कूल में बृहस्पतिवार को 498 बच्चों को दवा खिलाई गई।

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जिला कार्यक्रम प्रबंधक मनजीत कुमार ने बच्चों और शिक्षिकाओं को बताया कि यदि दवा खाने के बाद किसी भी तरह उल्टी या मिचली महसूस होती है तो घबराने की जरूरत नहीं। पेट में कीड़े ज्यादा होने पर दवा खाने के बाद सरदर्द, उल्टी, मिचली, थकान होना या चक्कर आना महसूस होना एक सामान्य प्रक्रिया है। दवा खाने के थोड़ी देर बाद सब सही हो जाता है। यदि किसी को बच्चे को ज्यादा दिक्कत महसूस हो तो अपने नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर परामर्श करें।

 

आरबीएसके की डीईआईसी मैनेजर रचना वर्मा ने बताया- स्वयं सेवी संस्था एविडेंस एक्शन के सहयोग से जनपद के सभी सरकारी, निजी स्कूलों, आंगनबाड़ी केन्द्रों, मदरसों में कृमि मुक्ति दिवस के अवसर पर पेट के कीड़े निकालने की दवा एल्बेंडाजोल खिलाई गयी। निठारी स्थित कंपोजिट स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. सुनील कुमार शर्मा के साथ राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के नोडल अधिकारी डा. ललित कुमार, जिला कार्यक्रम प्रबंधक मनजीत कुमार, डीईआईसी मैनेजर रचना वर्मा मौजूद रहीं। स्कूल के सहायक अध्यापक- चंद्र शेखर गोयल, सहायक अध्यापिका पूनम खन्ना, दीपिका रस्तोगी, कुसुम लता शर्मा, शशि मिश्रा, सरोज आदि का विशेष सहयोग रहा।

 

मीठी लगी गोली –कम्पोजिट विद्यालय के छात्र मनीष ने कहा कि सभी बच्चों के साथ उसने पेट के कीड़े निकालने की दवा खाई। दवा मीठी और अच्छी लगी। इसे चबाकर खाया और बाद में पानी पिया। विद्यालय के बच्चों ने बताया- इस दवा के फायदे के बारे में टीचर उन्हें पहले ही बता चुकी हैं। मां ने भी कहा था कि स्कूल में जो दवा मिले उसे खा लेना।
भारत सरकार के सहायक पर्यवेक्षक ने लिया जायजा।

 

 

राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान भारत सरकार की ओर से उनके प्रतिनिधि रजत कुमार ने ओम पब्लिक स्कूल गोपाल घर (जेवर) में जाकर कृमि मुक्ति दिवस पर आयोजित कार्यक्रम का जायजा लिया। उन्होंने स्कूल में जाकर देखा कि किस तरह बच्चों को पेट के कीड़े निकालने की दवा खिलाई गई। इस अवसर पर ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर कुलदीप राना मौजूद रहे।

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