प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला दिया है कि जब तक लोक शांति भंग होने का खतरा न हो केवल क्रिमिनल केस लंबित होने के आधार पर किसी के शस्त्र लाइसेंस का निरस्तीकरण नहीं किया जा सकता।
यह आदेश जस्टिस मंजू रानी चौहान ने एटा के रामविलास की याचिका को मंजूर करते हुए दिया है। याचिका दाखिल कर जिलाधिकारी के शस्त्र लाइसेंस निरस्तीकरण आदेश को चुनौती दी गई थी। कहा गया था कि याची के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 323 ,504 ,506, 321 का केस लगा था जिसमें वह बरी हो चुका है। उसके खिलाफ केवल 302 का एक केस पेंडिंग है। परंतु इस केस में ऐसा कोई सबूत नहीं है जिससे यह कहा जा सके कि उसके शस्त्र लाइसेंस का उपयोग हुआ है।
कोर्ट ने याची की याचिका को मंजूर कर शस्त्र लाइसेंस निरस्तीकरण आदेश को रद्द कर दिया है तथा कहा है कि लाइसेंस निरस्तीकरण का आदेश रद्द होने से याची का लाइसेंस स्वतः बहाल नहीं हो जाएगा। कोर्ट ने याची को कहा है कि वह लाइसेंस बहाली के लिए डीएम को अर्जी दे जिस पर वह आदेश पारित करेंगे।