नयी दिल्ली- केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतरिम बजट में किसी भी प्रमुख मद में आवंटन में कटौती नहीं करने और देश में बेरोजगारी दर पांच साल में घटकर करीब-करीब आधी हो जाने का दावा किया है।
श्रीमती सीतारमण ने वर्ष 2024-25 के अंतरिम बजट पर सदन में हुई चर्चा का उत्तर देते हुए कहा कि किसी प्रमुख मद में आवंटन घटाया नहीं गया है बल्कि इसमें बढ़ोतरी की गई है। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी दर 2017-18 में छह प्रतिशत थी और यह 2022-23 में घटकर मात्र 3.2 प्रतिशत रह गई है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से खान-पान की जरूरी वस्तुओं की कीमतों में कमी आई है।
उन्होंने कहा कि अनुपूरक मांगों में उर्वरक विभाग को 3,000 करोड़ रुपये सब्सिडी के लिए मांगे गऐ हैं। उन्होंने श्रम शक्ति 49 प्रतिशत से बढ़कर 57 प्रतिशत होने का आंकड़ा पेश करते हुए कहा कि बेरोजगारी दर में कमी आई है और यह 2017-18 के छह प्रतिशत से घटकर 2022-23 में 3.2 प्रतिशत रह गई है।
उन्होंने कहा कि स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के आवंटन में चालू वित्त वर्ष के बजट अनुमान की तुलना में वृद्धि की गई है।
श्रीमती सीतारमण ने कहा कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) में 18 से 25 साल की आयु के लोगों का पंजीकरण बढ़ा है। संगठन में 55 प्रतिशत नये पंजीकरण हुए हैं। उन्होंने कहा कि महिला कामगारों की संख्या भी बढ़ी है और ई-श्रम पोर्टल पर असंगठित क्षेत्र के 29 करोड़ कामगार में 53 प्रतिशत महिलाएं हैं जो विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रही हैं।
वित्त मंत्री ने कुछ सदस्यों के दावों को खारिज करते हुए कहा कि कर्नाटक समेत अन्य राज्यों के संबंध में वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार राशि दी गई है और कर्नाटक को धन नहीं मिलने का दावा सही नहीं है। उन्होंने कहा कि वह राज्यों को धन आवंटन एवं हस्तांतरण के लिए वित्त आयोग की रिपोर्ट की सिफारिश के अंतिम शब्द तक पालन करती हैं।
वित्त मंत्री के जवाब के बाद लोकसभा ने वर्ष 2024-45 के लिए लेखानुदानों की मांगों, वर्ष 2023-24 के लिए अनुदानों की अनुपूरक मांगों, वर्ष 2024-25 से संबंधित जम्मू-कश्मीर केन्द्र शासित प्रदेश के लिए लेखानुदानों की मांगों और वर्ष 2023-24 से संबंधित जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश के लिए अनुदानों की अनुपूरक मांगों को ध्वनिमत से मंजूरी दी। लोकसभा ने विनियोग (लेखानुदान) विधेयक, 2024 और विनियोग विधेयक, 2024 को भी मंजूरी दी। निचले सदन ने जम्मू कश्मीर विनियोग (संख्या-2) विधेयक, 2024 और जम्मू कश्मीर विनियोग विधेयक, 2024 को भी ध्वनिमत से पारित कर दिया।