नयी दिल्ली- केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि अमेरिका उपयुक्त देश है जिसके साथ भारत भविष्य की प्रौद्योगिकियों और दृष्टिकोण के लिए साझेदारी को बढ़ावा दे सकता है।
यहां इंडो-अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स (आईएसीसी) द्वारा आयोजित 20वें भारत-अमेरिका आर्थिक शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए मंत्री ने मंगलवार को कहा कि दोनों देशों के पास कई प्रौद्योगिकियां और ज्ञान हैं जिन्हें साझा किया जा सकता है। उन्होंने कहा,“मुझे लगता है कि जहां तक अमेरिका का सवाल है, वहां बहुत सारे शोध और नवाचार चल रहे हैं। यह उचित समय है कि हमें उचित भविष्यवादी प्रौद्योगिकी, भविष्यवादी दृष्टि, भविष्यवादी विकास की योजना बनाने की आवश्यकता है जो हमारे देश की आवश्यकता है। 100 प्रतिशत बिल्कुल उपयुक्त देश, जहां हम संयुक्त उद्यम बना सकते हैं वह अमेरिका है। अमेरिका के पास बहुत सी नई तकनीकें हैं, जो हमारे देश के लिए बहुत उपयोगी हो सकती हैं।”
उन्होंने कहा कि अब इस तरह की भविष्य की साझेदारी की योजना बनाने का सही समय है। वैकल्पिक ईंधन पर सरकार के फोकस पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि यह देखते हुए कि भारत कच्चे तेल के आयात में लगभग 16 लाख करोड़ रुपये खर्च करता है, इसके लिए विविधीकरण पर ध्यान केंद्रित किया गया है। ऊर्जा और बिजली क्षेत्र की पूर्ति के लिए कृषि। इसके अलावा, उन्होंने ‘अपशिष्ट से धन’ दृष्टिकोण में इथेनॉल, बायो जेट ईंधन और बायो सीएनजी के निर्माण के प्रयासों के बारे में भी बात की।
श्री. गडकरी ने आगे कहा कि भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग 2014 में 4.5 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर वर्तमान में 12.5 लाख रुपये हो गया है और यह वर्तमान में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल उद्योग है क्योंकि कुछ महीने पहले इसने जापान को पीछे छोड़ दिया था।
परिवहन क्षेत्र में सुधार की आवश्यकता पर जोर देते हुए, कार्यक्रम में मुख्य अतिथि श्री गडकरी ने कहा कि सरकार का लक्ष्य 2024 तक देश में लॉजिस्टिक्स लागत को 9 फीसदी तक कम करना है।
उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचे और परिवहन क्षेत्र में आवश्यकतानुसार परिवर्तन व सुधार अर्थव्यवस्था के लिए एक ‘बड़ी ताकत’ साबित होगा।