अयोध्या। अयोध्या में जुटे संतों ने तमिलानाडु के मुख्यमंत्री के पुत्र द्वारा सनातन धर्म पर की गई टिप्पणी के लिए माफी मांगने की बात कही है। संतों ने कहा कि यदि ऐसा नहीं होता है तो हम तमिलनाडु कूच करेंगे। धर्मसंसद में 29 प्रांतों के संत-धर्माचार्य सम्मिलित रहे। जिसमें सभी संत-धर्माचार्यों ने एक साथ हुंकार भरते हुए कहा कि सनातन धर्म पर अमर्यादित टिप्पणी करने वाले तमिलनाडु मुख्यमंत्री के पुत्र उदयनिधि स्टालिन माफी मांगे। इसके लिए हम उन्हें एक सप्ताह का समय देते हैं। अगर वह माफी नहीं मांगते हैं तो देश के हम सभी संत-धर्माचार्य तमिलनाडु के लिए कूच करेंगे।
वही तपस्वी छावनी पीठाधीश्वर जगतगुरु परमहंस आचार्य ने कहा कि सनातन धर्म को मानने वाले लोगों को अपमानित करने का काम किया जा रहा। संवैधानिक पदों पर बैठे लोग असंवैधानिक बयान दे रहे हैं। हम सब सनातन धर्म के पवित्र मार्ग पर चलने वाले लोग हैं। हम किसी धर्म के विरोधी नहीं हैं लेकिन यदि कोई हमारे सनातन धर्म पर कुठाराघात करेगा तो हम चुप बैठने वाले नहीं हैं। देश के 120 करोड़ सनातनी अभी जिंदा हैं। जो सनातन धर्म पर अमर्यादित टिप्पणी, निंदा करने वालो को सत्ता से हटाने व भगाने का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि हम संत-धर्माचार्यों ने धर्मसंसद में निर्णय लिया है कि सनातन धर्म पर अमर्यादित बयान देने वाला डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन एक सप्ताह के अंदर माफी नहीं मांगता है। तो हम सभी संत-धर्माचार्य तमिलनाडु के लिए कूच कर वहां विरोध प्रदर्शन करेंगे।
संकटमोचन सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय दास ने कहा कि जो भी लोग सनातन धर्म की निंदा व कटाक्ष कर रहे हैं। उन्हें पता नहीं सनातन धर्म सबकी जननी है। सनातन धर्म पर कटाक्ष करने वालो का विनाश निश्चित है। उसे कोई रोक नहीं सकता है। यदि सनातन धर्म पर अमर्यादित टीका-टिप्पणी बंद नहीं हुई। तो देश के हम सभी संत-धर्माचार्य आने वाले समय में विराेध प्रदर्शन करेंगे। इसके लिए राष्ट्रपति से मिलेंगे और संसद भवन का घेराव करेंगे। इसलिए सनातन धर्म की निंदा करने वाले लाेग अभी से चेत जाएं। वह जल्द से जल्द माफी मांग लें नहीं तो उनका भी हश्र कालनेमि की तरह होगा।
श्रीनिर्वाणी अनी अखाड़ा के श्रीमहंत मुरली दास ने कहा कि उदयनिधि स्टालिन, ए राजा, स्वामी प्रसाद मौर्या जैसे लोगों द्वारा सनातन धर्म पर लगातार गलत बयानबाजी की जा रही है। जिसे कत्तई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। धर्मसंसद में हनुमानबाग के महंत जगदीश दास, हनुमानगढ़ी बसंतिया पट्टी के महंत रामचरण दास, सरपंच रामकुमार दास, नागा नंदराम दास, हनुमानगढ़ी के पुजारी हेमंत दास, पहलवान राजेश दास, मामा दास आदि समेत सैंकड़ो संत-धर्माचार्य मौजूद रहे।