मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर में नगर पालिका बोर्ड की बैठक में करीब 90 करोड़ रुपये के नगरोदय योजना संबंधी प्रस्ताव पर सहमति नहीं बन सकी।
बैठक में सभी सदस्यों की राय के आधार पर प्रस्ताव को संशोधित करके पुनः चर्चा करने का निर्णय लिया गया।
बैठक में पहुंचे सांसद हरेन्द्र मलिक ने चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप को सभी सदस्यों को साथ लेकर चलने की सलाह दी और वार्ड मेंबर्स को भी अधिकारियों के साथ मर्यादा से पेश आने की नसीहत दी।
बोर्ड बैठक में नगर पालिका की 500 दुकानों में शिकमी किराएदारी संबंधी महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किया गया।
इसके अलावा, मुख्यमंत्री नगर सृजन योजना के तहत पालिका के विस्तारित क्षेत्र में विकास के लिए 7.53 करोड़ रुपये की मांग की गई थी, जिसमें से 7.33 करोड़ रुपये की धनराशि प्राप्त हुई है। इस राशि से 11 गांवों में विभिन्न सड़कों और नालियों का निर्माण किया जाएगा।
बैठक में शहर की सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के लिए 12.27 लाख रुपये का प्रस्ताव भी प्रस्तुत किया गया, जिसे मंजूरी मिल गई। इसके साथ ही, बिजली की बचत के लिए शहर में हाईमास्ट लाइटों से सोडियम लाइटों को एलईडी लाइटों से बदलने की योजना पर भी सहमति बनी।
इसके लिए 120 हाईमास्ट सोडियम फ्लड लाइटों को 170-200 वॉट की एलईडी लाइटों से बदला जाएगा।
ईओ डा.प्रज्ञा सिंह ने एजेंडा पढना शुरू किया तो गत बोर्ड बैठक की पुष्टि वाले पहले प्रस्ताव पर बात अटक गई। सभासद राजीव शर्मा ने गत बोर्ड बैठक में ईओ को सरकारी खर्च पर गाड़ी मुहैया कराए जाने संबंधी उक्त प्रस्ताव का विरोध किया।
बैठक में एक बार उस समय हंगामें की स्थिति बन गई जब सभासद पति विकल्प जैन बैठक के बीच में ही पहुंच गए और शहर में चेयरमैन व ईओ के ठीक सामने जाकर मुद्दे उठाने लगे जिसको लेकर कुछ सभासदों ने आपत्ति की।
सभासदों का कहना है कि सभासद पति को बैठक में प्रवेश की अनुमति नहीं है फिर विकल्प जैन ने किस हैसियत से वहां जाकर बैठक में व्यवधान डाला है ।उन्होंने विकल्प जैन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है ।