ढाका। बांग्लादेश की एक अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनकी बेटी साइमा वाजेद पुतुल समेत 18 लोगों के खिलाफ नया गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। यह कार्रवाई पूर्वाचल न्यू टाउन प्रोजेक्ट में प्लॉट आवंटन में भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते की गई है। ढाका सिटी के सीनियर स्पेशल जज जाकिर हुसैन ने गुरुवार को यह आदेश दिया। उन्होंने एंटी करप्शन कमीशन (एसीसी) की चार्जशीट को संज्ञान में लेते हुए यह वारंट जारी किया और 5 मई तक गिरफ्तारी की प्रगति रिपोर्ट देने का निर्देश दिया।
इसके अलावा, एक अन्य मामले में भी प्लॉट आवंटन में भ्रष्टाचार को लेकर शेख हसीना, उनकी बहन शेख रेहाना और परिवार के अन्य चार सदस्यों समेत कुल 23 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई है। उल्लेखनीय है कि शेख हसीना के खिलाफ अब तक कुल छह मामले दर्ज हो चुके हैं, जिनमें सभी पूर्वाचल प्रोजेक्ट में गड़बड़ियों से जुड़े हैं। पिछले महीने भी एक ट्राइब्यूनल ने 2013 में शापला चत्तर पर हुए कथित जनसंहार के मामले में शेख हसीना और पूर्व पुलिस प्रमुख बेनजीर अहमद समेत पांच लोगों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। जनवरी में भी एक विशेष अदालत ने जबरन गायब करने के मामलों में शेख हसीना और 11 अन्य लोगों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट दिया था। दिलचस्प बात यह है कि जिन ट्राइब्यूनलों ने यह कार्रवाई की है, वे खुद शेख हसीना की सरकार द्वारा बनाए गए थे, ताकि 1971 के युद्ध अपराधों की जांच हो सके।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि ये सारी कार्रवाइयां मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार की राजनीतिक बदले की भावना से की जा रही हैं। अगस्त 2024 में हसीना की सत्ता से बेदखली के बाद, उनके और उनके समर्थकों पर कई मामले दर्ज हुए हैं। भारत में शरण ले रहीं शेख हसीना ने फरवरी में अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा था कि यूनुस सरकार ने देश को आतंकवाद और अराजकता का अड्डा बना दिया है। उन्होंने वादा किया कि वह देश लौटेंगी और सभी पीड़ितों को न्याय दिलाएंगी। शेख हसीना ने कहा था, “यूनुस ने खुद माना है कि उन्हें सरकार चलाने का अनुभव नहीं है। वह जांच कमेटियां खत्म कर रहे हैं और आतंकियों को खुली छूट दे रहे हैं, लेकिन हम इन हत्यारों को कानून के कठघरे में खड़ा करेंगे।” उन्होंने कहा, “मैं लौटूंगी, और बांग्लादेश की जमीन पर ही न्याय होगा।”