मुजफ्फरनगर। आईएमए मुज़फ़्फ़रनगर द्वारा विश्व बधिरता दिवस के उपलक्ष में एक विशाल नाक-कान, गला जांच शिविर का आयोजन लेडीज क्लब मुजफ़्फ़रनगर में सुबह नौ बजे ग्यारह बजे तक किया गया। शिविर में डा. प्रखर गोयल, डा. विभोर जैन, डा. दीपक गोयल, डा. गजराज वीर सिंह, डा. एमके तनेजा ने भाग लिया। शिविर का संचालन डा. ललिता माहेश्वरी अध्यक्षा, डा. प्रदीप कुमार सचिव, डा. ईश्वर चंद्रा कोषाध्यक्ष द्वारा किया गया है।
डा. एमके तनेजा वरिष्ठ नाक-कान, गला रोग विशेषज्ञ ने बधिरता दिवस के उपलक्ष में जानकारी दी। इस समय विश्व की पांच प्रतिशत जनसंख्या बहरापन से पीड़ित हैं, इसमें 65 वर्ष में 25 प्रतिशत तथा 75 वर्ष से अधिक आयु में 48 प्रतिशत बहरेपन से पीड़ित हैं, जिसमें सामान्यतया हीयरिंग एड से लाभ नहीं होता है। यही बहरापन आने वाले समय में अर्थात 2050 तक दस प्रतिशत जनसंख्या में होने की संभावना है, जिसके प्रति डब्ल्यू एच ओ भी चिंतित हैं, बहरापन के कारणों नजला, मोबाइल फोन तथा मैटाबॉलिक सिंड्रोम तथा अज्ञात ध्वनि प्रदूषण ज़िम्मेदार हैं।
मैटाबॉलिक सिंड्रोम में मोटापा, ब्लड प्रेशर, मधुमेह मुख्य कारण है। डा तनेजा, जो आयुष मंत्रालय की प्रशासनिक समिति के सदस्य एवं भ्रामरी प्राणायाम में पीएचडी हैं, ने बताया कि पेट का मोटापा कम करके मधुमेह का जीवन शैली तथा भोजन प्रणाली में बदलाव करके उपचार किया जा सकता है।
आज तीस प्रतिशत से अधिक जीवनकाल में वृद्धि तथा मधुमेह होने के कारण डाइबेटिक न्यूरोपैथी, जिसका दीर्घकालीन प्रयास के द्वारा रोगी स्वत: निदान पा सकता है।
शिविर में श्रीमती मृदुल, सरिता स्वरूप, श्रीमती प्रतिभा, हितेश त्यागी, उमेश खेड़ा, मौहम्मद कामरान, हिमांशु त्यागी एवं रीतू का सराहनीय योगदान रहा।