नई दिल्ली। अतीक और अशरफ की पुलिस हिरासत में हत्या के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दायर करके मांग की है कि बिना उसका पक्ष सुने इस मामले में कोई आदेश पास न किया जाए। वकील विशाल तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में कमेटी बना कर इस मामले की जांच की मांग की है। विशाल तिवारी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 28 अप्रैल को सुनवाई करेगा।
पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने भी अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पुलिस हिरासत में हत्या के मामले पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। अमिताभ ठाकुर ने चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को चिट्ठी लिख कर इस मामले पर संज्ञान लेने का अनुरोध किया है। उन्होंने इसकी जांच सीबीआई को सौंपने की मांग की है। वकील विशाल तिवारी की याचिका में मांग की गई है कि अतीक अहमद और उसके भाई की पुलिस हिरासत में हुई हत्या की जांच सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज से कराई जाए। याचिका में उत्तर प्रदेश में 2017 के बाद हुए 187 एनकाउंटर की जांच करने की मांग की गई है।
अतीक अहमद ने मार्च में अपनी हत्या की आशंका जताते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। अतीक अहमद ने आशंका जताई थी कि गुजरात से यूपी ले जाते समय उसकी हत्या की जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करने से ये कहते हुए इनकार कर दिया था कि वो अब गुजरात से यूपी लाया जा चुका था। अतीक अहमद उमेश पाल हत्या मामले में आरोपित था।
पुलिस 15 अप्रैल की रात को अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को मेडिकल जांच कराने के लिए प्रयागराज के काल्विन अस्पताल लेकर गई थी। इसी बीच तीन हमलावरों ने ताबड़तोड़ गोलियां चलाई, जिससे दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। यूपी सरकार पहले ही इस हत्याकांड की जांच इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व न्यायमूर्ति अरविंद तिवारी की अध्यक्षता में गठित न्यायिक आयोग को सौंप चुकी है।