नई दिल्ली। उमेश पाल हत्याकांड के आरोपित माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पुलिस हिरासत में हत्या का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। वकील विशाल तिवारी ने दोनों की हत्या की जांच कराने की मांग की है।
याचिका में मांग की गई है कि अतीक अहमद और उसके भाई की हत्या की जांच सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज से कराई जाए। याचिका में उत्तर प्रदेश में 2017 के बाद हुए 187 एनकाउंटर की जांच कराने की भी मांग की गई है।
अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने भी अतीक अहमद और अशरफ की हत्या के मामले की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) जांच के लिए सर्वोच्च न्यायालय में रिट याचिका दायर की है।
पार्टी की ओर से आज दी गयी जानकारी में बताया गया कि याचिका में अमिताभ ठाकुर ने कहा है कि भले अतीक अहमद और उसका भाई अपराधी हों किंतु जिस प्रकार से उनकी हत्या हुई है वह कई सवाल खड़े करती है। इस हत्या के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने मामले को ढीला करने का प्रयास किया है और अभी तक कोई भी ठोस कार्रवाई नहीं की है। भले ही कोई व्यक्ति अपराधी क्यों ना हो किंतु किसी भी व्यक्ति की पुलिस अभिरक्षा में हत्या कर दिया जाना किसी भी सभ्य समाज में स्वीकार्य नहीं है।
याचिका में कहा गया कि घटना की जांच स्थानीय पुलिस द्वारा नहीं करायी जा सकती । इसकी निष्पक्ष जांच मात्र सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट के पर्यवेक्षण में सीबीआई द्वारा ही की जा सकती है।
उल्लेखनीय है कि यूपी सरकार ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के पूर्व जस्टिस अरविंद तिवारी की अध्यक्षता में गठित न्यायिक आयोग को हत्याकांड की जांच सौंपी है। 15 अप्रैल की रात अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को लेकर पुलिस मेडिकल जांच कराकर लौट रही थी। तभी तीन हमलावरों ने ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर दोनों की हत्या कर दी और फरार हो गए।
अतीक अहमद ने मार्च में अपनी हत्या की आशंका जताते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। अतीक अहमद ने आशंका जताई थी कि उसे गुजरात से यूपी ले जाते समय उसकी हत्या की जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करने से यह कहते हुए इनकार कर दिया था कि उसे अब गुजरात से यूपी लाया जा चुका है।