नई दिल्ली। दिल्ली के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के तबादलों को लेकर विवाद गरमाता जा रहा है। दिल्ली सरकार अपने ही सरकार के अधिकारियों के खिलाफ जांच के आदेश दे चुकी है। दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने अंदेशा जताया है कि इस ट्रांसफर में लाखों-करोड़ों रुपए की रिश्वत का लेनदेन भी हुआ है। इसकी जांच के आदेश दे दिए गए हैं और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
आतिशी के मुताबिक पिछले दिनों दिल्ली के शिक्षा विभाग ने आदेश निकाला कि एक स्कूल में 10 साल से पढ़ा रहे शिक्षकों का ट्रांसफर होगा। यह आदेश बिलकुल गलत और शिक्षा विरोधी है। इस आदेश को निरस्त करने के लिए मैंने शिक्षा विभाग के सचिव और डायरेक्टर को आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इन शिक्षकों की मेहनत से दिल्ली में शिक्षा व्यवस्था बदली है। जिनकी मेहनत से दिल्ली के सरकारी स्कूल बदले हैं। सरकारी स्कूलों के बच्चे आईआईटी-जेईई की परीक्षाएं पास कर रहे हैं। इस ट्रांसफर के आदेश को निरस्त करने के मेरे निर्देशों के बावजूद 2 जुलाई को देर रात 5,000 अध्यापकों के तबादले का आदेश निकल जाता है। ऐसा कहा जा रहा है कि इस ट्रांसफर प्रक्रिया के दौरान भारी भ्रष्टाचार हुआ है। ट्रांसफर रुकवाने के लिए भारी रिश्वत दी गई है।
क्या अब दिल्ली के अधिकारी ही दिल्ली के सरकारी स्कूलों को बर्बाद करने में जुटे हुए हैं? उन्होंने कहा कि मैंने मुख्य सचिव को निर्देश दिया है कि ट्रांसफर के इस आदेश को तुरंत रोका जाए। इस दौरान भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच की जाए और दोषियों के खिलाफ एक्शन लिया जाए। आतिशी ने कहा है कि क्या अब दिल्ली सरकार के अधिकारी ही बच्चों का भविष्य बर्बाद कर देंगे। उनके आदेश के बावजूद अगर ट्रांसफर का आदेश पारित किया गया है तो ये एक बड़े भ्रष्टाचार की तरफ इशारा कर रहा है।