Tuesday, April 1, 2025

अनमोल वचन

एक लौकोक्ति प्राय: सुनने में आती है ‘बीती ताहि बिसार दे आगे की सुध लेय’ जिसका प्रयोजन मात्र इतना है कि भूतकाल की भूलों को सोच-सोचकर अपने भविष्य को अंधकारमय न बनाईये। आगे की योजनाओं को सफल बनाने की सोचे, क्योंकि अतीत की भूलों की सोचते रहेंगे उनका पश्चाताप करते रहेंगे तो वर्तमान भी चौपट हो जायेगा और भविष्य की सफलताएं भी संदिग्ध ही रहेंगी। आपको तो मात्र इतना करना है कि अतीत की भूलों की पुनरावृत्ति न हो। इसके लिए हम बच्चों से सीख सकते हैं। बच्चों का कोई अतीत नहीं होगा, जिसमें हुई भूले और विफलताएं उनके वर्तमान को अंधकारमय बनाये। बच्चों की दृष्टि बाहरी स्थानों की सैर, स्कूल में प्रवेश पाना किसी नये स्कूल में जाने की इच्छा आदि जैसे आगे होने वाली बातों की प्रतीक्षा में सदैव आगे की ओर होती है। एक महत्वपूर्ण बात जिसकी उनसे नसीहत ली जा सकती है कि बच्चा अच्छे पहलू को ही देखता है किसी में बुराई ढूंढने का प्रयास नहीं करता। वह यही आशा करता है कि अच्छी बात ही सामने आये। उसे घर का सुखद वातावरण अच्छा लगता है। उसकी कामना रहती है सब प्रेम से रहे घर में कोई कलह-क्लेश अथवा विवाद न हो, परिवार के सब सदस्य उसे प्यार करे। आप भी इन निर्मल निष्कपट बच्चों से कुछ शिक्षा ले और अपने वर्तमान और भविष्य को संवारने हेतु प्रयासशील रहे।

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