Friday, September 29, 2023

शामली में एटीएस मेरठ की टीम ने एक संदिग्ध आतंकवादी को गिरफ्तार, उर्दू में लिखे पेपर बरामद

शामली। एसटीएफ मेरठ की टीम ने देर रात्रि कार्रवाई में आतंकी गतिविधियों में लिप्त एक अभियुक्त गिरफ्तार को गिरफ्तार कर उसके कब्जे से कब्जे से दो मोबाइल फोन, 5 वर्क वाटसअप चैट छायाप्रति व 5 वर्क उर्दू भाषा में लिखे प्रिन्टेड पेपर की छायाप्रति बरामद की गई है। शहर कोतवाली पुलिस ने अभियुक्त के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया है।

दरअसल एसटीएफ यूनिट मेरठ व अन्य सुरक्षा एजेन्सियों को काफी दिनों से यह सूचना प्राप्त हो रही थी कि कलीम पुत्र नफीस निवासी मोमीनपुरा घेरबुखारी नौकुआ शामली व उसके भाई तहसीम उर्फ तासीम कुछ अन्य लोगों के साथ मिलकर एक आतंकवादी संगठन के साथ मिलकर अवैध असलहों को एकत्रित कर देश की आन्तरिक व वाहरी सुरक्षा को क्षतिकारित करने के प्रयास में किसी बडी आंतकी घटना को अन्जाम देने की योजना बना रहे है। बुधवार देर रात्रि एसटीएफ मेरठ की टीम ने कार्यवाही करते हुए कली को गिरफ्तार कर लिया। जिसके द्वारा वाटसअप पर भारत की सुरक्षा सम्बन्धी फोटोग्राफ पाकिस्तान में आईएसआई व आंतकी संगठनों को भेजे जा रहे थे। कलीम के कब्जे से 2 मोबाइल फोन व उर्दू भाषा मे प्रिन्टेड 05 पेज बरामद हुए। बरामद मोबाइल फोनों को चैक करने पर भेजे गये वाट्सअप मैसेज, भारतीय सेना के जवानों के फोटोग्राफ व राफेल विमान के फोटों वाले समाचार पत्रों की फोटोग्राफ पाकिस्तान स्थित लोगो के मोबाइल नम्बरों के वाट्सअप पर भेजना पाया गया। कडी पूछताछ के बाद पुलिस ने कलीम के गंभीर मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया है।

एसटीएफ टीम द्वारा पकडे गए अभियुक्त कलीम ने बताया कि वह और उसका भाई तहसीम उर्फ तासीम और युसुफ समसीन पुत्रा मौहम्मद वामिक निवासी तेलीय वाला चैक, आली सहारनपुर से फर्जी आईडी के सिम लेते है तथा उन्ही सिम से पाकिस्तान मे आईएसआई व उनके हैण्डलर से व्हाटसअप पर बात व चैट मैसेज करते है। पिता की बुआ पाकिस्तान मे रहती है। पाकिस्तान में आईएसआई के कुछ लोगो व हैंडलर से जान पहचान हो गयी थी। जिनके द्वारा मुझे भारत मे जिहाद फैलाने के लिये असलाह, गोला-बारूद तथा पैसा देकर भारत मे सौहार्द बिगाडने के लिये अपने लोगो को तैयार कर भारत में भिन्न-भिन्न स्थानो पर दंगा फसाद कर विध्वसंक गतिविधियों को अंजाम देकर भारत मे शरियत कानून के तहत नये सिस्टम को स्थापित कर भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने के लिए प्रेरित करने हेतु रूपये दिये थे।

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