Monday, December 23, 2024

कोरोना संक्रमण के दो साल बाद तक कड़ी मेहनत करने से बचें, पड़ सकता है दिल का दौरा !

नई दिल्ली। गुजरात में नवरात्रि के दौरान गरबा आयोजनों में दिल का दौरा पड़ने से हुई मौतों पर एक बार फिर कोरोना से इसे जोड़ कर देखा जाने लगा है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के एक अध्ययन के मुताबिक, कोरोना यानी कोरोना 19 संक्रमण दिल के दौरे में योगदान दे सकता है और जिन लोगों को संक्रमण का गंभीर रूप से सामना करना पड़ा है, उन्हें कम से कम एक या दो साल तक खुद को अधिक परिश्रम नहीं करना चाहिए।

खुद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने आईसीएमआर रिपोर्ट का हवाला देते हुए लोगों से आग्रह किया कि अगर उन्हें पिछले एक या दो वर्षों में कोरोना संक्रमण हुआ है तो वे अधिक परिश्रम न करें। उन्हें दिल के दौरे से बचने के लिए, थोड़े समय के लिए, जैसे कि एक या दो साल के लिए कठिन परिश्रम, दौड़ और ज़ोरदार व्यायाम से दूर रहना चाहिए।

उल्लेखनीय है कि नवरात्रि के दौरान एक दिन में पूरे गुजरात में गरबा आयोजनों में कम से कम 10 दिल का दौरा पड़ने से मौत की सूचना मिली और पीड़ितों में सबसे कम उम्र का बच्चा सिर्फ 17 साल का था जिसके बाद राज्य के स्वास्थ्य मंत्री को स्वास्थ्य विशेषज्ञों और हृदय रोग विशेषज्ञों की एक बैठक बुलानी पड़ी है।

वहीं, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के एक अध्ययन के निष्कर्षों से पता चलता है कि कोरोना वायरस धमनी की दीवार के ऊतकों को संक्रमित करके दिल के दौरे और स्ट्रोक का खतरा बढ़ा सकता है। यह एथेरोस्क्लोरोटिक प्लाक में सूजन को पैदा करता है, जिससे दिल का दौरा या स्ट्रोक हो सकता है।

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