लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि रक्तदान के प्रति जागरुकता जरूरी है। जागरूकता के अभाव में लोगों के मन में रक्तदान के प्रति भय बना रहता है। आज भी अस्पतालों में आवश्यकता के अनुसार ब्लड की कमी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ब्लड ट्रांसफ्यूजन के क्षेत्र में बहुत कुछ परिवर्तन हुआ है। आज एक यूनिट ब्लड से कई लोगों की जान बचाई जा सकती है। मुख्यमंत्री होटल क्लार्क अवध में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ट्रांसकॉन की समिट पंद्रह वर्षों बाद प्रदेश में हो रही है। आप जिस उत्साह के साथ प्रदेश में आये हैं, उससे लगता है कि आप प्रदेश को जानने समझने आये हैं। यह ट्रांसकॉन मील का पत्थर साबित होगा, यह मेरी शुभकामना है।
उन्होंने कहा उत्तर प्रदेश में 25 करोड़ आबादी निवास करती है। इतनी बड़ी आबादी को स्वास्थ्य सेवा की उत्कृष्ट सेवा उपलब्ध करवाना बड़ी बात है। हम तकनीकी के साथ एक दूसरे की सहायता कर सकते हैं। इस क्षेत्र में बड़ी चुनौती जन जागरूकता है। ब्लड डोनेट और ब्लड बैंकिंग के लिए हमको कार्य करना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में प्रतिदिन डेढ़ करोड़ यूनिट ब्लड की मांग है। इस सापेक्ष ब्लड बैंक में करीब 25 लाख यूनिट मौजूद है इसलिए ब्लड डोनेट के लिए जागरूकता जरूरी है।
कोरोना काल के शुरुआत में उत्तर प्रदेश में कोविड संबंधी कोई बेड ही नहीं था, हमने प्रयास किया। मेडिकल पैरा मेडिकल, टेक्निशियन, विशेषज्ञों के माध्यम से कार्य किया, जिससे देश में एक मॉडल बना।
हमारे फ्रंटलाइन वर्कर्स ने बढ़-चढ़ कर कार्य किया। परिणाम स्वरूप हम प्रदेश में मृत्यु दर न्यूनतम रखने में सफल रहे। कोविड कालखंड में अगर हम यूएस से तुलना करें तो भारत में संक्रमण दर कम थी और मृत्यु दर भी कम थी, इससे जागरूकता और प्रबंधन दोनों का पता चलता है।
केजीएमयू देश के पुराने चिकित्सा संस्थानों में से एक है। यहां की प्रतिदिन की ओपीडी ही दुनिया के कई देशों की आबादी होगी। इन्हें स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध करवाना भी बड़ी चुनौती होती है। इस तरह के सेमीनार से लोगों में अवेयरनेस बढ़ेगा, क्योंकि एक डॉक्टर जब बोलता है तो लोगों को विश्वास होता है।
ब्लड डोनेशन के लिए गांव, शहर स्कूलों में सेमिनार होने चाहिए।आज जब ये ट्रांसकॉन हो रहा है इसी के साथ प्रदेश में सेवा पखवाड़ा भी सम्पन्न हो रहा है। इस सेवा पखवाड़ा में एक कार्यक्रम ब्लड डोनेशन कैम्प का भी था। केवल इसी कार्यक्रम के माध्यम से ही हमने प्रदेश भर में करीब तीस हजार यूनिट ब्लड संरक्षित करवाया।