Tuesday, November 5, 2024

गन्ने में लाल सड़न रोग को कैसे करें नियंत्रित? किसानों को जागरुक करने के लिए 800 गांवों में चलेगा अभियान

खतौली। कृषि-विज्ञान एवं बीज प्रौद्योगिकी की अग्रणी स्विस कंपनी सिंजेंटा इंडिया ने गन्ने की फसल में लगने वाली रेड रॉट बीमारी (लाल सड़न रोग) से निपटने के लिए जागरूकता अभियान शुरू किया है।

 

खतौली में जानसठ रोड स्थित मिल क्लब में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें सिंजेंटा इंडिया के एमडी एवं कंट्री हेड, सुशील कुमार ने बताया एक माह तक चलने वाले जागरूकता अभियान के माध्यम से 800 गांवों से जुड़ा जाएगा। आठ विशेष रूप से सुसज्जित वैन का उपयोग करके हम पांच जिलों में किसानों तक अपनी पहुंच प्रयासों का विस्तार करेंगे। हमें खुशी है कि हमें उत्तराखंड में पंतनगर विश्वविद्यालय और उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद विश्वविद्यालय जैसे प्रतिष्ठित कृषि विश्वविद्यालयों का समर्थन मिला है। ये विश्वविद्यालय हमारे जागरूकता वैन के साथ 50 छात्रों को तैनात कर महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं, जिससे किसानों के बीच जागरूकता पैदा करने के हमारे प्रयासों को बल मिल रहा है।

 

सिंजेंटा इंडिया के चीफ सस्टेनेबिलिटी ऑफिसर डॉ केसी रवि ने कहा, रेड रॉट बीमारी से निपटने की तत्काल आवश्यकता के मद्देनजर, सिंजेंटा इंडिया ने सीएसआर पहल के तहत अपने संसाधनों से उत्तर प्रदेश के पांच जिलों के किसानों के लिए व्यापक जागरूकता अभियान शुरू किया है। अभियान के तहत आयोजित कार्यशालाओं और प्रशिक्षण सत्रों में, कृषि वैज्ञानिकों द्वारा गन्ना किसानों को रेड रोट बीमारी के प्रारंभिक लक्षणों की जानकारी दी जाएगी। साथ ही किसान फसल की उपज और गुणवत्ता पर बीमारी के प्रभाव को कम करने के लिए प्रभावी उपचार रणनीतियां भी सीखेंगे।

 

डॉ केसी रवि ने कहा, सिंजेंटा में हम उत्तर प्रदेश के किसानों की मदद करने तथा उनके समक्ष पेश आने वाली चुनौतियों का समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध एवं समर्पित हैं।

 

सुशील कुमार ने कहा कि रेड रॉट बीमारी के खिलाफ इस जागरूकता अभियान का लक्ष्य गन्ना किसानों को सही और समय पर ज्ञान तथा संसाधन उपलब्ध करा कर उन्हें सशक्त बनाना है, ताकि वे अपनी फसलों को इस बीमारी से बचा सकें और अधिक उपज एवं लाभ सुनिश्चित कर सकें।

 

सीएसआर के तहत यह जागरूकता अभियान सिंजेंटा इंडिया द्वारा गन्ने के लाल सड़न रोग के शुरुआती लक्षणों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए प्रमुख हितधारकों को एक साथ लाने का एक प्रयास है । जिनमें चीनी उद्योग और गन्ना विकास विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) के विस्तार अधिकारी, गन्ना अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक, साथ ही गन्ना प्रसंस्करण उद्योग के जीएम/ एजीएम शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, सिंजेंटा के चैनल पार्टनर और स्थानीय किसान भी कार्यशालाओं में सक्रिय रूप से भाग लेंगे, जिसका मकसद सहयोग और ज्ञान के आदान-प्रदान को बढ़ावा देना है।

सिंजेंटा इंडिया के चीफ सस्टेनेबिलिटी ऑफिसर डॉ केसी रवि ने सभी संबंधित हितधारकों को कंपनी की इस सीएसआर पहल में शामिल होने तथा उत्तर प्रदेश में रेड रोट बीमारी से निपटने के स्थायी समाधान की दिशा में मिलकर काम करने के लिए आमंत्रित किया है।

 

यह जागरूकता अभियान 1 मई को मुजफ्फरनगर और अमरोहा जिले में शुरू हुआ। इसके बाद इसे पीलीभीत, लखीमपुर और कुशीनगर जिलों में भी चलाया जाएगा । मुजफ्फरनगर में अभियान की शुरुआत के मौके पर पहुंचे करीब 200 किसानों को जागरूक करने के लिए ओम प्रकाश सिंह, उप गन्ना आयुक्त (सहारनपुर मंडल); डॉ एसपी सिंह, वैज्ञानिक अधिकारी, पादप रोग विज्ञान, उत्तर प्रदेश गन्ना अनुसंधान परिषद्, मुजफ्फरनगर; डॉ. अवधेश डागर, वैज्ञानिक, पादप रोग विज्ञान, उत्तर प्रदेश गन्ना अनुसंधान परिषद्, मुजफ्फरनगर आदि मौजूद थे। सिंजेंटा की इस सीएसआर पहल में त्रिवेणी शुगर एंड इंजीनियरिंग इंडस्ट्रीज लिमिटेड के उपाध्यक्ष डॉ. अशोक कुमार और खतौली यूनिट से त्रिवेणी शुगर एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड के जीएम (केन) कुलदीप राठी भी शामिल हुए। डॉ. बख्शीराम यादव (पदम श्री पुरस्कार भारत सरकार), पूर्व निदेशक गन्ना प्रजनन संस्थान कोयंबटूर एवं यूपी गन्ना अनुसंधान परिषद, शाहजहाँपुर भी उपस्थित रहे ।

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