भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आयुष्मान योजना पर सवाल उठाते हुए कहा है कि यह योजना सफेद हाथी बन रही है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्य में कई बीमारियों को निजी अस्पतालों में इलाज से बाहर किए जाने को लेकर कहा कि आयुष्मान योजना धीरे-धीरे सफेद हाथी बनती जा रही है। मध्य प्रदेश में 196 बीमारियों को निजी अस्पतालों में इलाज से बाहर कर दिया गया है।
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दूसरी तरफ सरकारी अस्पतालों में उपचार की समुचित व्यवस्था नहीं है। मलेरिया, मोतियाबिंद का ऑपरेशन, छोटे बच्चों की बीमारी, बुजुर्गों की कई बीमारियां निजी अस्पतालों में इलाज से बाहर कर दी गई हैं। कमजोर और गरीब वर्ग की समस्याओं और राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं का जिक्र करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा, “बडी संख्या में बीमारियों को निजी अस्पतालों में उपचार से बाहर करने से आयुष्मान कार्ड धारक उपचार कराने के लिए परेशान हो रहे हैं। मध्य प्रदेश पहले से ही स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में निचले पायदान पर है और उस पर आयुष्मान कार्ड का अप्रभावी हो जाना लोक स्वास्थ्य के लिए अत्यंत चिंता का विषय है।”
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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री ने आमजन के अधिकारों का हवाला देते हुए कहा कि स्वास्थ्य की रक्षा करना और अच्छा उपचार कराना हर नागरिक का मूलभूत अधिकार है। मुख्यमंत्री इस विषय में गंभीरता से विचार करें और एक कमेटी बनाकर बहुत सारी बीमारियों को दोबारा से निजी अस्पतालों में उपचार के लिए खोला जाएं। जो अस्पताल आयुष्मान कार्ड का दुरुपयोग कर रहे हैं, उन पर निश्चित तौर पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि मध्य प्रदेश के जरूरतमंद नागरिक उपचार से वंचित कर दिए जाएं। ज्ञात हो कि राज्य सरकार ने कई बीमारियों को आयुष्मान योजना से बाहर किया है। सरकार के इस कदम पर पूर्व मुख्यमंत्री ने सवाल उठाया है।