पटना | धार्मिक उपदेशक और बाबा बागेश्वर धीरेंद्र शास्त्री के ‘हिंदू राष्ट्र’ वाले बयान से बिहार में भारी विवाद पैदा हो गया है। राज्य में अपनी चर्चा के पहले दिन शास्त्री ने भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की पैरवी की। उन्होंने कहा, एक दिन एक संत ने मुझसे कहा कि मैं हिंदू राष्ट्र की बात करता हूं, लेकिन यह कैसे संभव है? मैंने उनसे कहा कि भारत पहले से ही हिंदू राष्ट्र है और जल्द ही इसकी घोषणा भी हो जाएगी।
इस बयान से बड़ा विवाद पैदा हो गया है। विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने रविवार को इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है।
राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, हमें धीरेंद्र शास्त्री के पटना दौरे को लेकर अंदेशा है कि वे समाज में धर्म के नाम पर फूट डालने की बात करेंगे। हमारा अंदेशा सही साबित हो रहा है। वह भाजपा और आरएसएस के राजनीतिक एजेंडा को चलाने के लिए पटना आए हैं।
तिवारी ने कहा, मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि यह बिहार की धरती है, महात्मा बुद्ध की जन्म स्थली और महात्मा गांधी की कर्म स्थली। बिहार के लोग स्वयंभू देवदूत को अपना एजेंडा नहीं चलाने देंगे। राजनीतिक बयान देने से पहले उन्हें कर्नाटक चुनाव के नतीजों को देखना चाहिए जिसमें बजरंग बली राजनीति में उनका नाम घसीटने के लिए भाजपा पर क्रोधित हो गए। भारत देश कानून और संविधान से चलता है। क्या वे भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए संविधान को बदल देंगे?
जदयू के प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा, यह देश बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर के बनाए संविधान से चलता है जिसमें हर धर्म के व्यक्ति को समान अधिकार है। धर्म विश्वास का विषय है। यह न तो हिंदू राष्ट्र है न इस्लामिक राष्ट्र। हम गंगा-जमुनी तहजीब और सर्व धर्म संभाव में यकीन रखते हैं। शास्त्री नौबतपुर इलाके में हनुमंत कथा के लिए पटना आए हैं। वह मध्य प्रदेश के छतरपुर जिला स्थित बागेश्वर धाम के पीठाधीश हैं।