मुजफ्फरनगर- लगभग चार दशक पूर्व किसान मसीहा चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत ने किसानों के बिजली विभाग द्वारा किए जा रहे उत्पीड़न के खिलाफ आंदोलन की शुरुआत करते हुए भारतीय किसान यूनियन का गठन किया था, उस समय उन्होंने कल्पना ही नहीं की होगी कि किसान यूनियन की ‘हरी पगड़ी’ और गले में ‘हरा पटका’, एक समय में किसानों की समस्याओं को हल कराने के अलावा अन्य सब काम करता नजर आएगा।
प्रदेश में इस समय दर्जनों किसान यूनियन बन गई हैं और इनमें से ज्यादातर किसान यूनियन में किसान सदस्य नहीं है, बल्कि ठेकेदार, अपराधी और आवारा किस्म के व्यक्ति ही पदाधिकारी बने हुए हैं, जिनका काम दिन भर अफसरों पर रौब गांठकर उगाई करने का है।
ऐसा ही एक मामला आज मुजफ्फरनगर में उस समय सामने आया है जहां किसान यूनियन के चोले में खनन माफिया का काम किया जा रहा था। जानसठ तहसील के ग्राम ढांसरी में आर.सी. सी. डेवलपमेंट प्राइवेट लिमिटेड को निर्माणाधीन पानीपत खटीमा हाईवे के लिए 14478 घनमीटर मिट्टी उठाने का ठेका मिला था।
यह मिट्टी जानसठ क्षेत्र के ग्राम ढांसरी में बिजेंद्र,ओमपाल, अमि चंद और कालूराम के खसरा नंबर 746 से उठाई जा सकती थी, लेकिन गुरुवार को खनन अधिकारी आशुतोष सिंह जब अपनी टीम के साथ देर रात एक शिकायत की जांच करने के लिए ग्राम ढांसरी के जंगल में गए, तो देखा कि वहां एक जगह से नहीं, कई जगह से खनन किया जा रहा था।
बताया जाता है कि खनन कर रहे लोगों को जब खनन अधिकारी के वहां पहुंचने की शिकायत मिली, तो एक वैगन आर कार में सवार कुछ लोग वहां पहुंचे, कार पर भारतीय किसान यूनियन लिखा हुआ था और उन्होंने खनन अधिकारी को जमकर हड़काते हुए वापस लौट जाने को कहा ।
बताया जाता है कि खनन अधिकारी इस पूरे प्रकरण की शिकायत जानसठ के एसडीएम और जिला प्रशासन को करेंगे, लेकिन जिस तरह से मुजफ्फरनगर में खनन के नाम पर माफिया सक्रिय हैं और किसान यूनियन के नाम पर इसमें कुछ आपराधिक तत्व शामिल हैं, तो ऐसे में क्या कार्रवाई हो पाएगी, इसी पर सबकी नजर है।