अमेठी -उत्तर प्रदेश के अमेठी में एसपी आवास के सामने स्थित पीडब्ल्यूडी कार्यालय में कार्यरत युवती का उसी के सहकर्मी ने लंबे समय तक शारीरिक शोषण किया। युवती के मामले में लिखित शिकायत देने के बाद यह सनसनीखेज मामला उजागर हुआ है।
पीड़िता के अनुसार मामला उजागर होने के बाद पहले तो विभाग के जिम्मेदारों ने लीपापोती करने की कोशिश की लेकिन पीडिता के कल 28 जून को अधिशासी अभियंता को लिखित शिकायत देने के बाद मामले को तूल पकड़ता देख आरोपी लिपिक काे कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
पूरा मामला अमेठी एसपी आवास के सामने पीडब्ल्यूडी के प्रांतीय खण्ड कार्यालय का है।जहां कार्यालय में तैनात एक युवती ने लिपिक अशरफ जकी के उसके साथ शारीरिक शोषण करने तथा युवती की मां के साथ भी अभद्रता करने का आरोप लगाया गया है।
अधिशासी अभियंता को 28 जून को दिए गए शिकायती पत्र के अनुसार पीड़िता के कार्यालय में काम करने वाले लिपिक अशरफ जकी पर गंभीर आरोप लगे है। लिपिक द्वारा पीड़िता के संग लगातार बेहद खराब व्यवहार होता रहा। शिकायती पत्र में उसने बताया है कि 27 जून को कार्यालय में तैनात वरिष्ठ लिपिक ने मेरी विधवा मां के बारे में पहले अभद्र टिप्पणी की। पीड़िता ने शिकायत में बताया कि अशरफ की अभद्रता से आहत उनकी मां मानसिक रूप से काफी प्रताडित रहीं।
पीड़िता ने अपनी मां के साथ अनहोनी की आशंका जताते हुए कहा कि यदि कोई अप्रिय घटना हुई तो उसका जिम्मेदार आरोपी होगा। भयभीत पीड़िता ने कार्य करने से असमर्थता जताई। पीड़िता ने आगे बताया कि इसके पूर्व आरोपी उसका लगातार शारीरिक शोषण किया। विरोध के बावजूद अशरफ अपनी हरकतों से बाज नहीं आया और वह डर के कारण बोल नहीं पा रही थी। लगातार शारीरिक शोषण से युवती को जबरदस्त मानसिक प्रताड़ना झेलनी पड़ रही थी। आखिरकार कल पीडिता ने अधिशासी अभियंता को लिखित शिकायत देते हुए पूरा मामला बताया और कार्रवाई करने की मांग की।
फिलहाल इस घटना से पीडब्ल्यूडी कार्यालय में दिनभर अफरा-तफरी का माहौल बना रहा और अधिकारी बयान देने से बचते रहे। अधिशासी अभिंयता शैलेंद्र कुमार भी इस विषय पर बात करने से कतराते रहे। मामले को तूल पकड़ता देख आखिरकार कार्यालय अधिशासी अभियन्ता प्रान्तीय खण्ड द्वारा एक पत्र जारी कर आरोपी को कारण बताओं नोटिस जारी कर दिया गया।
पत्रांक के अनुसार आरोपी को नोटिस देकर तीन कार्य दिवस के अंदर इस आशय के साथ स्पष्टीकरण मांगा गया है कि कार्यालय में कनिष्ठ सहायक व उनकी माता के प्रति असम्मानजनकपूर्ण टिप्पणी की गयी है। जिसके कारण उनकी मां को मानसिक आघात पहुंचा है। पत्र में यह भी बताया गया है कि कनिष्ठ सहायक के प्रति अमर्यादित व्यवहार किया जाता रहा है, जिससे उनके माहिला होने के सम्मान पर गहरी ठेस पहुंची है। जो कर्मचारी आचरण नियमावली का उल्लंघन है।
कनिष्ठ सहायक के प्रति किये गये अमर्यादित व्यवहार हेतु स्पष्टीकरण तीन कार्यदिवस के अन्दर प्रस्तुत करने की हिदायत दी गई है।तीन कार्यदिवस के अंदर स्पष्टीकरण ना देने पर अग्रिम कार्यवाही हेतु प्रकरण उच्चाधिकारियों को संस्तुति करने की बात भी कही गई है।