कोलकाता। पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के राशन वितरण मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को मामले के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए कोलकाता के व्यवसायी बकीबुर रहमान के बारे में विशेष जानकारी मिली है कि उन्होंने राज्य के मंत्री ज्योतिप्रिया मल्लिक की पत्नी और बेटी को भारी मात्रा में ब्याज-मुक्त ऋण दिया था। मंत्री इसी मामले के सिलसिले में ईडी की हिरासत में हैं।
सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय एजेंसी के पास उपलब्ध जानकारी के अनुसार, रहमान द्वारा मंत्री की बेटी को दिया गया ऋण 9 करोड़ रुपये का था और पूरी राशि असुरक्षित और ब्याज मुक्त थी। ऋण 2016-18 के दौरान दिया गया, जब मल्लिक खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री थे। इस समय वह वन मंत्री हैं।
ईडी ने शनिवार को कोलकाता की एक विशेष अदालत का दरवाजा खटखटाया और रहमान से प्रेसीडेंसी जेल में पूछताछ करने की अनुमति मांगी, जहां वह न्यायिक हिरासत में रह रहे हैं। उनकी मांग पर अदालत सहमत हो गई।
रहमान की न्यायिक हिरासत 22 नवंबर को खत्म हो रही है।
सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय एजेंसी मंत्री की पत्नी और बेटी को इतनी बड़ी राशि का असुरक्षित और ब्याज-मुक्त ऋण देने की उनकी मजबूरी के बारेे में उनसे पूछताछ करना चाहती है। ईडी यह पुष्टि करना चाहता है कि क्या गिरफ्तार व्यवसायी पर इतने बड़े ऋण देने के लिए क्या किसी तरह का प्रभावशाली दबाव था।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि ताजा सबूतों के मद्देनजर ईडी ने रहमान को बिल्कुल भी नहीं जानने के मंत्री के पहले के दावों को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के लिए आटा खुले बाजार में बेचने का आरोप लगाने के अलावा, विशेष रूप से कुछ पैकेज्ड आटा मार्केटिंग संस्थाओं, रहमान पर फर्जी किसान सहकारी समिति बनाकर किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम कीमत पर धान खरीदने और उसी धान को न्यूनतम समर्थन मूल्य से अधिक कीमत पर बेचने का भी आरोप है।