नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने मंगलवार को मदरसों के खिलाफ योगी सरकार के एक्शन को लेकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मदरसों आदि की प्राइवेट व्यवस्था के विरुद्ध सरकार का रवैया सहयोग का होने के बजाय उन्हें अवैध बताकर बंद करने का होना बुनियादी शिक्षा की जरूरत को और कमजोर करने वाला गैरजरूरी और अनुचित है। उन्होंने योगी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि निजी मदरसों के प्रति सरकार अपना रवैया बदले तो बेहतर।
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इसके साथ ही मायावती ने चिंता जताते हुए कहा कि प्रदेश के स्कूलों में 22 लाख बच्चों के एडमिशन में इस साल गिरावट आई है। उन्होंने प्रदेश सरकार को नसीहत देते हुए कहा कि शिक्षा के महत्व और जरूरत पर उचित ध्यान देना जरूरी है। मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक के बाद एक तीन पोस्ट किए। बसपा प्रमुख मायावती ने पहले पोस्ट में लिखा, ”यूपी के प्राइमरी व अपर प्राइमरी स्कूलों में सन 2023-24 में 1.74 करोड़ दाखिले हुए, किंतु 2024-25 में मात्र 1.52 करोड़ अर्थात स्कूल दाखिला में लगभग 22 लाख की गिरावट सरकारी स्कूल व्यवस्था की ऐसी बदहाल स्थिति गंभीर व चिंतनीय। शिक्षा के महत्व व जरूरत पर सरकार का उचित ध्यान जरूरी।”
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दूसरे पोस्ट में मायावती ने लिखा, ”फिर भी सस्ती व सुलभ व्यवस्था के तहत मदरसों आदि की प्राइवेट व्यवस्था के विरुद्ध सरकार का रवैया सहयोग का होने के बजाय उन्हें अवैध बताकर बंद करने का होना बुनियादी शिक्षा की जरूरत को और कमजोर करने वाला गैर-जरूरी व अनुचित। निजी मदरसों के प्रति सरकार अपना रवैया बदले तो बेहतर।” उन्होंने आखिर पोस्ट में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ”वैसे तो सरकारी स्कूलों के हालात देश के अधिकतर राज्यों में काफी खराब हैं, किंतु यूपी व बिहार में यह अति-दयनीय होने से बहुजन गरीब परिवारों का बहुप्रतीक्षित विकास बाधित व इनके बच्चों का भविष्य अंधकारमय।
ऐसे में स्कूल शिक्षा पर ध्यान देकर इन्हें बंद करने के बजाय प्रोत्साहन जरूरी।” मायावती समय-समय पर दलितों और अल्पसंख्यकों के समसामयिक मुद्दों को उठाती रहती हैं। अभी हाल में उन्होंने अपने भतीजे आकाश आनंद को बसपा का मुख्य नेशनल कोऑर्डिनेटर बनाकर एक बड़ा संदेश दिया। आकाश आनंद को दोबारा पार्टी में लाकर बसपा प्रमुख ने बहुजन युवा वोट को साधने का प्रयास किया है।