प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अलीगढ़ में मॉब लिंचिंग में मारे गए मो फरीद के भाई की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने यह रोक पुलिस द्वारा इस मामले में दाखिल चार्जशीट तक लगाई है।
यह आदेश जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा एवं जस्टिस राम मनोहर नारायण मिश्र की खंडपीठ ने मोहम्मद जकी की याचिका पर दिया है। याचिका दाखिल कर 29 जून 2024 को थाना गांधी पार्क, अलीगढ़ में दर्ज प्राथमिकी को चुनौती दी गई है। प्राथमिकी धारा 395, 354 आईपीसी के तहत दर्ज कराई गई है। याची के अधिवक्ता तनीषा जहांगीर मुनीर का कहना था कि याची को उसके भाई की मॉब लिचिंग में हुई मौत को लेकर 19 जून को दर्ज एफआईआर में बतौर काउंटर ब्लास्ट यह प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।
अधिवक्ता का कहना है कि इस प्राथमिकी में मॉब लिचिंग में उसके भाई की मौत का कोई जिक्र नहीं है और न ही इस बात का उल्लेख है कि मौत के बाद उसके भाई का पोस्टमार्टम हुआ था। हाईकोर्ट ने पक्षकारों को सुनने के बाद गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए सरकार से तीन सप्ताह में जवाब मांगा है तथा याची को उसके जवाब का जवाब देने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है। याचिका पर पांच सप्ताह बाद सुनवाई होगी।