हमीरपुर । यूपी में रोज नए-नए घोटाले सामने आ रहे हैं,अब एक ऐसा घोटाला सामने आया है जो तीन छात्रों की दर्दनाक मौत की वजह से सामने आ गया है। राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज के प्रधानाचार्य सहित अन्य स्टाफ की वजह से कॉलेज के सैकड़ो छात्रों का जीवन समय पर बीमा धनराशि का प्रीमियम न जमा करने पर संकट में फंस गया है। तीन छात्रों की सड़क हादसे में हुई मौत के बाद बीमा दुर्घटना की धनराशि मांगने पर यह सच सामने आया है।
दरअसल गत वर्ष जिन छात्रों ने राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज में दाखिला लिया था। उनसे बीमा कवर के नाम पर प्रवेश के समय प्रीमियम राशि के रूप में 96 रुपए जमा कराकर रसीद दी गई थी। लेकिन दिसम्बर में प्रवेश प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद मार्च 2024 तक छात्रों के बीमा की प्रीमियम राशि बीमा कम्पनी में नहीं जमा की गई। इसी अवधि में गत 22 मार्च को कानपुर कबरई नेशनल हाईवे 34 में पतारा के समीप कॉलेज के तीन छात्रों की सड़क हादसे में सुबह 7 बजे के करीब दर्दनाक मौत हो गई थी। ये तीन छात्र दीपक तिवारी, अंकुश प्रजापति व मनीष कुमार ग्राम कुंवरपुर पोस्ट तेजपुर पतारा कानपुर नगर के निवासी थे। यह तीनों गत 22 मार्च को सुबह सात बजे ट्रेन पकड़कर पालीटेक्निक कालेज सुमेरपुर आने के लिए पतारा रेलवे स्टेशन आ रहे थे। तभी हादसे का शिकार हो गए थे।
इस घटना के बाद कॉलेज के प्रधानाचार्य ने दोपहर एक बजे के बाद आनन-फानन में सभी छात्र छात्राओं की प्रीमियम धनराशि बीमा कम्पनी के खाते में जमा कराकर बीमा करने का अनुरोध किया। इस घटना के बाद तीनों छात्रों के अभिभावकों ने बीमा कम्पनी से क्लेम का दावा किया। बीमा कम्पनी की जांच में यह सच सामने आया कि बीमा की प्रीमियम घटना के बाद जमा कराकर बीमा कराया गया है। जांच के बाद बीमा कम्पनी ने क्लेम देने से इनकार कर दिया। लापरवाही में गर्दन फंसती देखकर प्रधानाचार्य ने अभिभावकों को समझा बुझाकर बीमा की धनराशि देने के लिए आश्वस्त किया और तीनों छात्रों के अभिभावकों को एक-एक लाख की धनराशि तीन किस्तों में देने का आश्वासन दिया।
मंगलवार को मृतक छात्रों के अभिभावक अमित तिवारी, रामबाबू, राजेश कुमार ने बताया कि प्रधानाचार्य 10 जुलाई को 34 हजार व 13 अगस्त को 33 हजार रुपये दो किस्तों में दे चुके हैं। अंतिम किस्त सितम्बर माह में देने की बात कही गई थी। इसलिए वह मंगलवार को कॉलेज आए तो यहां पर कॉलेज के शिक्षक तीसरी किस्त में किताबों, बस्ता व छात्रवृत्ति की धनराशि काटने लगे।
जब उन लोगों ने विरोध किया तो उन्हें कॉलेज से डपटकर भगा दिया गया। अभिभावकों ने रोते हुए अपनी व्यथा पत्रकारों को बताया कि वह कॉलेज के प्रधानाचार्य की मनमानी के शिकार होकर दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं। प्रधानाचार्य विवेक कुमार सक्सेना ने बताया कि प्रीमियम जमा करने में लापरवाही हुई है। मृतक छात्रों के परिजनों को बीमा कवर देने के लिए दोषी कर्मियों के वेतन से कटौती की जा रही है। दो किस्तें दी जा चुकी है। आखिरी क़िस्त भी पीड़ित परिवार को दी जाएगी।