महाकुंभ नगर। महाकुंभ 2025 के आयोजन को लेकर प्रयागराज में तैयारियां अपने अंतिम चरण में हैं। एक ओर त्रिवेणी संगम के तट पर महाकुंभ नगरी ने आकार लेना शुरू कर दिया है। साधु-संन्यासी, अखाड़े लाव लश्कर के साथ मेला क्षेत्र में प्रवेश करने लगे हैं। वही दूसरी ओर प्रयागराज शहर भी महाकुंभ में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए तैयार है। इसी क्रम में भारतीय रेलवे ने राज्य सेतु निगम के साथ मिलकर प्रयागराजवासियों को बड़ी सौगात दी है। महाकुंभ के पहले प्रयागराज शहर पूरी तरह से लेवल रेल क्रॉसिंग से मुक्त हो जाएगा। इससे ट्रेनों के परिचालन में सुविधा और दुर्घटनाओं में तो कमी होगी ही साथ ही शहरवासियों को घंटों जाम से भी मुक्ति मिल जाएगी। प्रयागराज की लगभग सभी लेवल रेल क्रासिंग पर आरओबी या आरयूबी बनकर तैयार हैं, जिन पर महाकुंभ के पहले आवागमन पूरी तरह से शुरू हो जाएगा। महाकुंभ का प्रयागराज में आयोजन न केवल शहरवासियों के लिए गौरव और सम्मान का विषय होता है, साथ ही ये आयोजन उन्हें कई तरह की सौगात भी दे जाता है।
महाकुंभ की तैयारियों के चलते शहर में कई तरह के स्थाई और अस्थाई निर्माण कार्य हो रहे हैं, जो महाकुंभ के बाद भी शहरवासियों की सुविधाओं में इजाफा करेंगे। इसी क्रम में प्रयागराज शहर को रेलवे और राज्य सेतु निगम के संयुक्त प्रयास से लेवल रेल क्रॉसिंग से मुक्ति की एक बड़ी सौगात मिल रही है। केंद्र और राज्य की डबल इंजन की सरकार के निर्देशन में ट्रेनों के बाधारहित परिचालन और सड़कों पर ट्रैफिक जाम की समस्या से मुक्ति के लिए महत्वपूर्ण सुविधा प्रदान की गई है। प्रयागराज रेल मंडल के वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी अमित मालवीय ने बताया कि प्रयागराज शहर के अंदर ही नहीं, बल्कि आस-पास के क्षेत्रों की भी लगभग सभी लेवल रेल क्रासिंगों पर जरूरत के मुताबिक आरओबी या आरयूबी का निर्माण हो रहा है। उन्होंने बताया कि इनमें से कुछ रेल क्रासिंगों पर आरओबी या फ्लाईओवर का निर्माण पिछले कुंभ 2019 में हो गया था। शेष परियोजनाएं केंद्र और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयास से इस महाकुंभ के अवसर पर पूरे हो रही हैं।
ये महाकुंभ की शुरुआत से पहले पूरी तरह तैयार हो जाएंगी। जनसंपर्क अधिकारी अमित मालवीय ने बताया कि बेगम बाजार, बमरौली-मनौरी, छिवकी, दीन दयाल उपाध्याय-प्रयागराज, प्रयाग-फाफामऊ और प्रयाग-प्रयागराज जंक्शन के बीच 7 रेल ओवरब्रिज (आरओबी) का निर्माण लगभग 375 करोड़ रुपये की लागत से हो रहा है। इसके साथ ही प्रयाग यार्ड, झूंसी और अंदावां-कनिहार मार्ग पर लगभग 40 करोड़ रुपये की लागत से तीन रेल अंडर ब्रिज (आरयूबी) का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। महाकुंभ से पहले ये सभी आरओबी और आरयूबी से यातायात का परिचालन शुरू हो जाएगा। इससे न केवल महाकुंभ में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं को आवागमन में सुविधा मिलेगी, बल्कि महाकुंभ के बाद भी शहरवासियों को घंटों के जाम से भी मुक्ति मिल जाएगी। इसके साथ ही लेवल क्रासिंग की समाप्ति ट्रेनों के बाधारहित और सुरक्षित परिचालन को सुनिश्चित करती है। इससे महाकुंभ के दौरान प्रयागराज मंडल से चलने वाली लगभग दस हजार ट्रेनों का परिचालन भी सुविधाजनक तरीके से किया जा सकेगा।