नई दिल्ली। 20 जुलाई से शुरू होने जा रहे संसद के मानसून सत्र को सुचारू ढंग से चलाने के लिए सरकार ने सत्र शुरू होने से एक दिन पहले 19 जुलाई को सर्वदलीय बैठक बुलाई है।
सरकार ने संसद के दोनों सदनों – लोक सभा और राज्य सभा में सभी राजनीतिक दलों के फ्लोर लीडर्स को इस सर्वदलीय बैठक के लिए आमंत्रित किया है। संसद के मानसून सत्र को सुचारू ढंग से चलाने के लिए सरकार की तरफ से इस सर्वदलीय बैठक में सभी राजनीतिक दलों से सहयोग मांगा जाएगा वहीं विपक्षी दल भी अपने-अपने मुद्दों के बारे सरकार को बताएंगे जिन पर वो सदन में चर्चा कराना चाहते हैं।
आपको बता दें कि संसद का मानसून सत्र 20 जुलाई से शुरू होगा और 11 अगस्त तक चलेगा। 23 दिनों तक चलने वाले इस मानसून सत्र में कुल 17 बैठकें होंगी।
अगले वर्ष होने वाले लोक सभा चुनाव के मद्देनजर यह माना जा रहा है कि संसद का मानसून सत्र काफी हंगामेदार रह सकता है। इससे पहले विपक्षी दल बेंगलुरू में एक बड़ी बैठक करने जा रहे हैं।
बेंगलुरु की बैठक में अगर विपक्षी दलों को भाजपा के खिलाफ साझा मोर्चा बनाने में कामयाबी मिल जाती है तो निश्चित तौर पर इसका असर संसद सत्र में भी नजर आएगा।
मानसून सत्र के दौरान केंद्र सरकार डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल-2023 और दिल्ली सरकार के अधिकारों से जुड़े विधेयक सहित कई महत्वपूर्ण बिलों को संसद में पेश करने की तैयारी कर रही है। यह भी बताया जा रहा है कि सरकार समान नागरिक संहिता से जुड़े विधेयक को भी मानसून सत्र के दौरान सदन में पेश कर सकती है।