Monday, December 23, 2024

भाकियू राष्ट्रीय अध्यक्ष पहुंचे जीआईसी मैदान, परखी महापंचायत की व्यवस्था, भंडारे में किया भोजन वितरित

मुजफ्फरनगर। जीआईसी मैदान पर 28 जनवरी से भारतीय किसान यूनियन का बेमियादी आंदोलन चल रहा है। बुधवार को संगठन के मुखिया नरेश टिकैत ने आकर किसानों संग भोजन किया। साथ ही अपने हाथों से भण्डारे में भोजन वितरित कर व्यवस्था को भी परखा।

उन्होंने दस फरवरी की महापंचायत को लेकर यूनियन के पदाधिकारियों और किसानों को संदेश दिया। इस दिन भारी संख्या में किसानों से यहां पहुंचने का आह्नान किया, ताकि सरकार तक आवाज पहुंचाई जा सके। मैदान का भ्रमण करते हुए उन्होंने पार्किंग और अन्य व्यवस्थाओं को लेकर भी चर्चा की।

बता दें कि गन्ना मूल्य, बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान, आवारा पशु, विद्युत मीटर, बिजली दरें, एमएसपी कानून, शहीदों को मुआवजा और किसानों पर दर्ज मुकदमों को वापस करने की मांगों को लेकर भाकियू ने गत 28 जनवरी से जीआईसी मैदान पर तम्बू गाड़कर बेमियादी आंदोलन शुरू कर दिया ।

भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत अन्य किसानों के साथ जीआईसी मैदान पहुंचे। उन्होंने यहां पर टैंट और तम्बुओं में आंदोलन चला रहे किसानों से मुलाकात की। दोपहर का भोजन भी उन्होंने टैंट में ही किसानों के साथ किया।इसके बाद यहां भंडारे में पहुंचे और किसानों को अपने हाथों से भोजन वितरित किया।

इसके साथ ही उन्होंने किसान आंदोलन स्थल पर दस फरवरी में होने वाली महापंचायत के विषय में जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने मैदान का पैदल भ्रमण करते हुए पार्किंग आदि व्यवस्थाओं के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिये।

उन्होंने कहा कि किसानों को खेत, फसल और नस्ल बचाने के लिए आंदोलन करने को विवश होना पड़ रहा है। दस फरवरी के बाद इस आंदोलन को नई धार दी जायेगी। इसमें भारी संख्या में किसानों के आने की उम्मीद जताते हुए कहा कि सरकार निरंकुश हो जाये, तो आंदोलन ही एकमात्र रास्ता बचता है।

राजकीय कॉलेज के मैदान में चल रहे भारतीय किसान यूनियन के अनिश्चित कालीन धरने में खाने-पीने (भंडारे )की व्यवस्था को अशोक घटायन बहुत सादगी, स्वच्छता  और जिम्मेदारी के साथ निभा रहे हैं। अशोक घटायन के साथ प्रमोद अहलावत,जोगिंदर पहलवान,मनोज बालियान,कंवरपाल भैसी  की टीम 28 जनवरी से राजकीय कॉलेज के मैदान में भंडारे की जिम्मेदारी संभाल रही है और सभी लोगों ने संकल्प लिया है कि जब तक सरकार किसानों की मांगे नहीं मान लेती तब तक वे रात दिन भंडारे में सेवा और जिम्मेदारी को निभाते रहेंगे।अशोक घटायन के अनुसार फिलहाल भंडारे में प्रतिदिन 200 किलो आटे की पूरियां तली जा रही हैं वही 100 किलो चावल भी उबाले जा रहे हैं ।साथ में किसी दिन छोले ,किसी दिन उड़द की दाल और साथ में हरी सब्जियां  धरनारत किसानों, पुलिसकर्मियों व आने जाने वालों को स्वच्छता और स्वभाव के साथ खिलाई जा रहे हैं।अशोक घटायन  ने बताया कि प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोग भोजन ( प्रसाद ) ग्रहण कर रहे हैं।
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