मेरठ। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी आज मेरठ में खरीफ गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें किसानों को उम्मीद होती है कि सरकार उनकी समस्याओं का निदान करेगी,लेकिन कुछ ऐसे विषय है कि जो हर वर्ष उठाये जाते है उनका समाधान आज तक भी नहीं हो पाया है|
भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक खरीफ गोष्ठी मेरठ में निम्न सुझाव देती है
1-खरीफ फसल की बुवाई के समय खाद,बीज,कीटनाशक की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
2- हाइब्रिड बीज एवं प्रमाणित बीज की कीमतों में भारी अंतर है| हाइब्रिड बीजो की कीमतों को नियंत्रित करते हुए इन पर सरकारी अनुदान बंद किया जाय | हाइब्रिड धान को बेचने में किसानो को काफी परेशानी,नुकसान होता है।
3-कृषि रक्षा इकाई एवं कृषि बीज भंडार को समोयोजित करते हुए प्रभावी बनाया जाये।
4-कीटनाशक रसायन का वर्गीकरण फसल के आधार पर किया जाय,अनावश्यक रूप से निर्मित रसायन पर रोक लगायी जाय,साथ ही वर्गीकरण में आने वाले रसायन की संख्या भी सिमित कीजाय,जिससे भ्रमित करने वाले रसायनों पर रोक लग सके|
5-रसायनों के मूल्य की निगरानी हेतू रसायनों के न्यूनतम एवं उच्चतम मूल्य निर्धारित किये जाये।
6-उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा एन० पी० के० मिश्रण बनाने वाली निर्माण इकाई के साथ अन्य मिश्रित उर्वरक बनाने वाली इकाई पर सतत निगरानी रखते हुए यह सुनिश्चित की जाए कि यदि राज्य सरकार द्वारा उक्त इकाइयों को कच्चा माल क्रय करने कि अनुमति न होने के बावजूद भी इन इकाइयों के साथ अन्य ईकाइयों में भी जिप्सम के नाम पर नकली एन० पी० के० मिश्रण तैयार किया जा रहा है | जिसकी बिक्री भारत नामचीन कंपनी इफको,क्रभो आईपीएल आदि के नाम पर बेचा जा रहा है| जिसके चलते किसान का खरीद के समय एवं उत्पादन में नुकसान हो रहा है।
7- फार्म मशीनरी बैंक,कस्टमर हायरिंग मशीन के लक्ष्य कम करते हुए नियमित प्रयोग किये जाने वाले यंत्रो के लक्ष्य बढ़ाया जाय| क्रय किये वाले यंत्रो पर अनुदान कि सीमा तय की जाये। खेती में मजदुर की समस्या को देखते हुए यंत्रो के लक्ष्य को पांच गुणा किया जाये।
8- नहरों में पानी की कमी को पूरा किया जाय| सरकार के निर्देशानुसार किसानो को 10 घंटे निर्बाध विधुत आपूर्ति की जाय,एवं दुर्घटना रोकने हेतू खेतों के जर्जर तार बदलवाये जाये।
9- किसान सम्मान निधि में डाटा में बदलाव का अधिकार मंडल स्तर पर दिया जाय,साथ ही ऐसे किसानो के लिए विशेष कैम्प,ओनलाइन विंडो{whatapp,email) के माध्यम से भी निस्तारण किया जाये।
10- किसान क्रेडिट कार्ड में बैंक द्वारा वकील के माध्यम से रिपोर्ट मांगी जाती है| जिसमें किसान का लगभग तीन हजार रूपए खरज होता है| उलट कार्य को किसान के घोषणा पत्र एवं लेखपाल की रिपोर्ट के आधार पर किया जाय किसान क्रेडिट कार्ड पर तीन लाख की राशि तक भी बैंक द्वारा चार्ज लिया जा रहा है,इस पर रोक लगायी जाये।
11- भूमि संरक्षण विभाग में पारदर्शिता लायी जाय| भूमि समतलीकरण के कार्यों की कार्ययोजना भूमि चिन्हित कर पूर्व में प्रकाशित कराई जायी| जिससे योजना का लाभ किसानो को मिल सके।
12- डार्क जोन में एचडी पाइप योजना में शत प्रतिशत किसानो को शामिल किया जाये।
13- कीटनाशी रसायन उत्पाद इकाई के सीएसआर फंड का उपयोग किसान कल्याण हेतू सुनिश्चित किया जाये।