मुजफ्फरनगर। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के खिलाफ देशभर में आक्रोश देखा जा रहा है। इसी कड़ी में मुजफ्फरनगर में भगवान परशुराम की भव्य शोभायात्रा से पूर्व आयोजित ध्वज यात्रा एक अलग ही रूप में देखने को मिली। श्रद्धालुओं ने आतंकवाद के विरोध में अपनी भक्ति के साथ संवेदनाएं भी प्रकट कीं।
मोबाइल प्रकरण में पूर्व विधायक शाहनवाज राणा के परिवार को नोटिस, आवास के बाहर किया चस्पा
ध्वज यात्रा में शामिल हुए भक्तों ने हाथों में काली पट्टी बांधकर पहलगाम हमले की निंदा की। आयोजक संजय मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि हमले में मारे गए लोगों की आत्मा की शांति के लिए कार्यक्रम में कई बदलाव किए गए हैं। श्रद्धालुओं ने तय किया कि इस बार यात्रा में किसी भी प्रकार का डीजे या ढोल नहीं बजेगा और न ही कोई जश्न मनाया जाएगा।
पाकिस्तानी राजनयिक का दावा, सिंधु जल संधि को निलंबित करने की घोषणा फर्जी, भारत पर ढांचा ही नहीं
उन्होंने कहा कि पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत भगवान परशुराम का अभिषेक किया गया है, लेकिन यात्रा को पूरी तरह श्रद्धाभाव के साथ निकाला गया। भारत कॉलोनी से शिव चौक तक निकली ध्वज यात्रा में भक्त केवल जयकारे लगाते हुए आगे बढ़े।
मुज़फ्फरनगर में व्यापारी से हुई लूट में दौराला के हिस्ट्रीशीटर शामिल, लुटेरों पर इनाम घोषित
संजय मिश्रा ने बताया कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 28 निर्दोष लोगों की मौत ने पूरे देश को झकझोर दिया है। ऐसे समय में किसी भी प्रकार का उत्सव उचित नहीं होगा। इसलिए श्रद्धालुओं ने काली पट्टी बांधकर आतंकवाद के प्रति अपना आक्रोश प्रकट किया और सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की।
भाजपा नेता सुशील शर्मा ने कहा कि “आज की यात्रा पूरी तरह श्रद्धा और विरोध का प्रतीक है। जिस कार्यक्रम में ढोल-नगाड़े और डीजे बजने थे, वह सब रद्द कर दिए गए हैं। हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील करते हैं कि अब वक्त आ गया है कि वह अपनी 36 इंच की छाती दिखाएं और पाकिस्तान को उसके किए की सख्त सजा दें।”
स्वामी पंडित भगवान शर्मा ने कहा कि “आज भगवान परशुराम का विधिवत अभिषेक और पूजन हुआ है, लेकिन साथ ही हम सभी ने काली पट्टी बांधकर पहलगाम हमले का विरोध किया है। यह हमला बेहद निंदनीय है और इसकी कड़ी से कड़ी प्रतिक्रिया होनी चाहिए।”