मुजफ्फरनगर। भारतीय किसान यूनियन राजनीतिक द्वारा किसने की समस्याओं को लेकर उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के कार्यालय शक्ति भवन लखनऊ पर किसान पंचायत का आयोजन किया गया, जिसमें लगभग 5००० लोगों ने भाग लिया प्रदेश बरसे आए किसानों ने बिजली विभाग के उत्पीडऩ का विरोध करते हुए कहा, बिजली विभाग किसानों को लूट रहा है, पंचायत को संबोधित करते हुए भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश सिंह चौहान ने कहा कि किसानों को सामान्य योजना का लाभ नहीं दिया जा रहा है्, जनपदों में किसानों को निशुल्क बिजली दिए जाने की घोषणा के बावजूद भी बिल भेज राय जा रहे हैं, जिसके नाम पर अधिकारी किसानों का उत्पीडऩ कर रहे हैं।
गांव में सरकार के आदेश अनुसार बिजली नहीं मिल रही है और गलत बिजली के बिलों का भी सुधार नहीं हो पा रहा है, अगर किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं होगा, तो भारतीय किसान यूनियन ने राजनीतिक चाहे कितना भी समय लगे शक्ति भवन पर आंदोलन पर चलने का कार्य करेगी लगभग 4 बजे भारतीय किसान यूनियन राजनीतिक के प्रतिनिधिमंडल की वार्ता उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक पंकज कुमार से हुई, जिस पर बिंदुवार चर्चा करते हुए प्रबंध निदेशक ने कहा कि किसानों को निशुल्क बिजली देने का प्रस्ताव आज उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कैबिनेट में पास कर दिया गया है, जिसका आदेश जल्द ही जारी कर दिया जाएगा। सामान्य योजना का लाभ दिए जाने की मांग को सरकार के प्रस्ताव के रूप में भेजा जाएगा, किसानों को आज देश अनुसार बिजली मिले इसके लिए प्रयास किया जा रहे हैं, लेकिन ब्रेकडाउन वे ओवरलोड के चलते जहां-जहां समस्या है, उनको सुधारने हेतु आवश्यक कार्रवाई की जा रही है इस समस्या का भी जल्द निस्तारण किया जाएगा।
संविदा कर्मियों से किसानों का उत्पीडऩ रोकने हेतु उनकी नियुक्ति गांव के बिजली घर से हटकर अन्य जगहों पर की जाएगी। तमाम विषयों पर प्रबंध निदेशक से सार्थक वार्ता एवं आश्वासन के उपरांत पंचायत को समाप्त किया गया। पंचायत को मांगेराम त्यागी, धर्मेंद्र मलिक, राजकुमार तोमर, दिगंबर सिंह, रामबरन वर्मा, रामस्वरूप वर्मा, लाल चौधरी, राजेश रावत, राजवीर सिंह, जगपाल सिंह, महाराज मलिक, पवन, दीपक तोमर, गणेश वर्मा, सोनवीर सिंह, सुरेंद्र यादव, कुलवंत सिंह, संदीप सिंह, किरण पटेल, निधि शुक्ला, अजय बाबू गंगवार, चरण सिंह, राघवेंद्र, प्रताप शाही, करमराज द्विवेदी, बलराम तिवारी, राजू मिश्रा, सुनील सिंह, शाहिद सैकड़ों लोगों ने संबोधित किया। पंचायत की अध्यक्षता जगपाल सिंह एवं संचालन नुरुल इस्लाम ने किया। पंचायत में लगभग 5००० किसानो ने भाग लिया।
राजेश सिंह चौहान, हरिनाम सिंह वर्मा, दिंगबर सिंह, मांगेराम त्यागी, राजवीर सिंह, जगपाल सिंह, राजकुमार तोमर, रामस्वरूप वर्मा, राघवेंद्र शाही, रामवरण वर्मा, राजेश रावत, मंजीत सिंह, कुलवंत सिंह, राजवीर सिंह, धर्मेंद्र मलिक महराज मलिक, राजकुमार गौतम आदि मौजूद रहे। इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि प्रदेश भर में किसान बिजली विभाग से संबंधित समस्याओं को लेकर परेशान है। खण्ड से लेकर जिला मुख्यालय तक किसान समस्याओं के निस्तारण के लिये विभाग के चक्कर लगा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में चेकिंग के नाम पर लोगों का उत्पीडन किया जाता है। संविदाकर्मियों द्वारा फर्जी मुकदमें दर्ज कराये जा रहे हैं। खराब मीटर की शिकायत करने के बावजूद भी मीटर नहीं बदले जाते हैं और संविदाकर्मियों द्वारा मुकदमें की धमकी देकर वसूली की जा रही है। भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक ने समस्याओं के समाधान की मांग की है कि किसानों के सामान्य योजना के अन्तर्गत स्वीकृत निजी नलकूप के कनेक्शन का सामान उपलब्ध कराया जाये।
सामान्य योजना के अन्तर्गत नये निजी नलकूप कनेक्शन जारी किये जाए। सरकार द्वारा किसानों को नि:शुल्क बिजली दिए जाने का प्रावधान 1 अप्रैल 2०23 से किया जा रहा है, लेकिन आज भी किसानों को बिल देकर कुछ जनपदों में पैसा जमा करने का दबाव बनाया जाता है, इस सम्बंध में स्पष्ट आदेश जनपदों में भेजा जाये। सिंचाई हेतु किसानों को सरकार के आदेशानुसार 1० घंटे बिजली नहीं मिल पा रही है। विद्युत सब-स्टेशन के ओवरलोड़ के कारण फीडर पर बॉंटकर आपूर्ति की जाती है एवं ब्रेक डाउन के कारण सप्लाई बाधित होती है। किसानों को 1० घंटे दिन में निर्बाध विद्युत आपूर्ति की जाये। ग्रामीण क्षेत्रों में जमीन उपलब्ध कराने वाले गांवों में प्राथमिकता के आधार पर बिजली घर का निर्माण कराया जाये।
विभाग द्वारा क्षमता वृद्धि के नाम पर किसानों से सम्पूर्ण जमा योजना के स्टीमेट जमा कराये जा रहे हैं। कृषि उद्योग नहीं है, पूर्व की भांति किसानों से क्षमता वृद्धि के नाम पर पैसा न जमा कराया जाये। जंगल से लगे जनपदों विशेष रूप से तराई क्षेत्र में जंगली जानवरों द्वारा किसानों पर हमले किये जाते हैं, ऐसे जनपद लखीमपुर खीरी, पीलीभीत, शाहजहांपुर आदि में दिन के समय सप्लाई की आवश्यकता है, लेकिन तराई क्षेत्र में रात्रि में सिंचाई हेतु सप्लाई की जाती है, ऐसे जनपदों में पूरी सप्लाई दिन के समय की जाये। आगजनी, ब्रेक-डाउन रोकने हेतु खेतों की जर्जर लाइनों को बदला जाये।
जर्जर तार बदलने में बहुत बडा घोटाला हुआ है, जिसकी जांच एसटीएफ से कराई जाये। ग्रामीण क्षेत्रों में छापेमारी बडे स्तर पर की जा रही है, भार तय करते समय प्वाईंट को आधार न मानकर मीटर में दिखाये गये भार को आधार माना जाये। उपखण्ड स्तर के अधिकारी की तैनाती 3 वर्ष से अधिक न की जाये एवं संविदाकर्मियों को गांव के बिजली घर से हटाकर आस-पास के बिजली घर पर तैनात किया जाये।
बिजली चोरी रोकने में नाकाम अधिकारियों द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में अघोषित सप्लाई में कटौती की जा रही है, जिसका विवरण लॉग शीट में नहीं दिया जाता है। इसका पर्दाफाश करने हेतु सभी फीडरों की एम.आर.आई. कराई जाए। जूनियर इंजीनियर के पास एक से अधिक बिजली घर का चार्ज होने के कारण वह बिजली घर पर उपस्थित नहीं रहता है जूनियर इंजीनियर के बिजली घर पर मिलने के दिन निश्चित किये जाये।