नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को भीमा कोरेगांव मामले में आरोपी प्रोफेसर शोमा के. सेन द्वारा दायर अंतरिम जमानत याचिका की सुनवाई 24 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी।
न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी की पीठ ने मामले में एनआईए का प्रतिनिधित्व करने वाले अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू की गैरमौजूदगी के कारण याचिका पर सुनवाई टाल दी।
4 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने शोमा सेन की याचिका को चार सप्ताह की अवधि के बाद सुनवाई के लिए पोस्ट किया था। और उन्हें एनआईए द्वारा दायर जवाबी हलफनामे पर प्रत्युत्तर (जवाब) दाखिल करने की अनुमति दी थी।
कोर्ट ने यह भी कहा था कि वह अंतरिम जमानत की मांग करने वाली दोनों अर्जियों और विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई की अगली तारीख पर एक साथ सुनवाई करेगी।
23 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने प्रोफेसर सेन द्वारा चिकित्सा कारणों से अस्थायी रिहाई की मांग करने वाली अंतरिम जमानत याचिका पर आतंकवाद विरोधी एजेंसी से प्रतिक्रिया मांगी थी। सेन ने बॉम्बे हाई कोर्ट के एक आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जहां रिहाई की मांग करने वाली उनकी अर्जी का निपटारा कर दिया गया था।
जांच एजेंसी द्वारा उनके और अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दायर करने के बाद उन्हें विशेष एनआईए अदालत के समक्ष जमानत के लिए नए सिरे से आवेदन करने के लिए कहा गया था।
दिसंबर 2021 में हाईकोर्ट ने वकील-कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज को डिफ़ॉल्ट जमानत दे दी थी। हालांकि, जस्टिस एसएस शिंदे और जस्टिस एनजे जमादार की खंडपीठ ने सीनेटर सहित इसी मामले में आठ अन्य सह-अभियुक्तों के आवेदनों को अस्वीकार कर दिया था।