शामली। पेट दर्द का उपचार कराने आई महिला के पेट में गांठ होने का दावा कर शामली में थानाभवन के एक अस्पताल में आपरेशन कर दिया गया। आपरेशन के दौरान कटी नस से रक्त का बहाव रोकने को तौलिया (रुमाल के आकार का) लपेट दिया। स्वजन का आरोप है कि तौलिया पेट में छोड़कर टांके लगा दिए गए। दर्द बढ़ने पर आपरेशन के पांच माह बाद स्वजन ने महिला को मेरठ स्थित एक नर्सिंग होम में भर्ती कराया। जहां चिकित्सकों ने महिला के पेट से करीब एक फुट चौड़ा तौलिया निकाला। पीड़ित स्वजन ने दो चिकित्सकों और अस्पताल प्रबंधक के खिलाफ तहरीर दी है। स्वजन की शिकायत पर जिलाधिकारी के निर्देश पर सीएमओ ने जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम गठित की है।
मुजफ्फरनगर के गांव सिसौली निवासी 35 वर्षीय सलमा पत्नी राशिद उपचार कराने शामली पहुंचीं थी। अल्ट्रासाउंड के बाद डा. फारुख ने स्वजन को बताया कि पेट में गांठ है और आपरेशन होगा। स्वजन का आरोप है कि शामली में अल्ट्रासाउंड संचालक डा. फारुख ने कस्बा थानाभवन स्थित मेहरबान अस्पताल में 31 जनवरी को सलमा को भर्ती करवाया। जहां दो फरवरी को सलमा का डा. मदनमोहन झा व डा. फारुख ने आपरेशन किया।
राशिद ने बताया कि आपरेशन के बाद भी सलमा पेट दर्द से पीड़ित रही। उसे फिर से मेहरबान अस्पताल में लाया गया। जहां अस्पताल प्रबंधक डा. आसिफ मेहरबान ने पेट में इंफेक्शन बताकर दवा दी और आपरेशन व अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट अपने कब्जे में ले ली। आराम न मिलने पर सलमा को मेरठ के हापुड़ रोड स्थित न्यू अल जौहर नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया। जहां पेट का अल्ट्रासाउंड कराने पर एक बड़ी गांठ की पुष्टि हुई। चिकित्सकों ने सलमा का फिर से आपरेशन किया। स्वजन का दावा है कि चिकित्सकों की टीम ने सलमा के पेट से तौलिया निकाला। आपरेशन का वीडियो बनाकर स्वजन को सौंपा गया। स्वजन ने डा. मदन मोहन झा, डा. फारुख व डा. आसिफ मेहरबान के खिलाफ थाने में तहरीर दी है। सीएमओ ने जांच के निर्देश दिए हैं।
इस संबंध में स्वजनों ने जहां जिलाधिकारी को शिकायती पत्र देकर मुकदमा दर्ज करने की मांग की वही स्वजन सीएमओ के पास भी पहुंचे थे।स्वजनों का आरोप है कि सीएमओ ने उनकी एप्लीकेशन भी लेने से मना कर दिया। जबकि संबंध में पिछले कई दिनों से महिला के पेट से मेरठ के डॉक्टरों द्वारा ऑपरेशन करके तोलिया निकालने की वीडियो वायरल हो रही है। वीडियो वायरल होने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग ने संज्ञान लेना उचित नहीं समझा। वहीं पीड़ित स्वजन स्थानीय थानाभवन थाने में भी शिकायती पत्र लेकर पहुंचे थे, लेकिन उनके शिकायती पत्र को पुलिस ने लेने से इनकार कर दिया। अब न्याय के लिए स्वजन दर-दर भटक रहे हैं।
महिला की सास का कहना है कि अस्पताल वालों की लापरवाही के कारण उनकी पुत्रवधू जीवन और मौत से लड़ रही है। वहीं उसके इलाज में वह कर्ज में डूब गए हैं महिला का कहना है कि जैसे उनके साथ धोखा हुआ है किसी और गरीब के साथ ना हो महिला न्याय की मांग कर रही है।