वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन 2017 में उप-राष्ट्रपति पद पर रहने के दौरान वर्गीकृत दस्तावेजों के दुरुपयोग के मामले में फंस गए हैं। मामले की जांच करने वाले एक विशेष वकील ने उनकी उम्र को लेकर उनकी मानसिक स्थिति पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
विशेष वकील रॉबर्ट के. हूर ने गुरुवार को अमेरिकी अटॉर्नी जनरल मेरिक गारलैंड को सौंपी गई रिपोर्ट में कहा, जांच में पाया गया कि उपराष्ट्रपति पद पर रहने के दौरान बाइडेन ने एक निजी शख्स के रूप में जानबूझकर वर्गीकृत सामग्रियों को अपने पास रखा और उनका खुलासा किया।”
बिडेन ने अपने संस्मरण “प्रॉमिस मी, डैड” के लेखक के साथ कागजात साझा किए थे।
दस्तावेज़ अफगानिस्तान पर विदेश नीति के मुद्दों से संबंधित थे।
वकील ने बाइडेन की मानसिक तीक्ष्णता पर सवाल उठाया।
उन्होंने कहा,” परीक्षण के दौरान बाइडेन संभवतः खुद को एक सहानुभूतिपूर्ण, नेक इरादे व कमजोर याददाश्त वाले बुजुर्ग व्यक्ति के रूप में खुद को जूरी के सामने पेश करेंगे।”
उन्होंने कहा,” जूरी को यह समझाना मुश्किल होगा कि कागजात के दुरुपयोग के लिए तत्कालीन राष्ट्रपति को दोषी ठहराना चाहिए।”
गौरतलब है कि बाइडेन की उम्र और उनकी मानसिक तीक्ष्णता को लगातार जांच का सामना करना पड़ रहा है, यहां तक कि उनकी अपनी पार्टी के भीतर भी। वह 81 वर्ष के हैं, और यदि दोबारा राष्ट्रपति चुने जाते हैं, तो उस समय वह 82 वर्ष के होंगे। वह पहले से ही अमेरिकी इतिहास के सबसे उम्रदराज़ राष्ट्रपति हैं। उन्हेें सार्वजनिक रूप से अपनी यादाश्त संबंधी समस्या का सामना करना पड़ा है। उन्होंने हाल ही में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन को अपने पूर्ववर्तियों में से एक फ्रेंकोइस मिटर्रैंड और जर्मनी की पूर्व चांसलर एंजेला मर्केल को उनके पूर्ववर्ती हेल्मुट कोहल के साथ मिला दिया।
उधर, 77 वर्षीय ट्रम्प की अपनी चुनौतियां हैं, जो संभवतः नवंबर में बाइडेन को टक्कर देने वाले रिपब्लिकन उम्मीदवार होंगे। उन्होंने रिपब्लिकन नामांकन के लिए मैदान में शेष प्रतिद्वंद्वी व संयुक्त राष्ट्र में पूर्व राजदूत निक्की हेली को प्रतिनिधि सभा की पूर्व डेमोक्रेटिक स्पीकर नैन्सी पेलोसी समझ लिया था, जिन्होंने ट्रम्प के दो महाभियोगों को हरी झंडी दी थी, जिससे वह दो बार महाभियोग का सामना करने वाले एकमात्र राष्ट्रपति बन गए।