नयी दिल्ली। अडानी समूह की कंपनियों ने महाराष्ट्र में डाटा सेंटर परियोजना पर 50 हजार करोड़ रुपये और तेलंगाना में एक डाटा सेंटर सहित विभिन्न परियोजनाओं पर 12400 करोड़ रुपये के निवेश के लिये दोनों सरकारों के साथ अलग-अलग सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किये हैं।
इन समझौतों पर बुधवार को दावोस में दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों और अडानी समूह के मुखिया गौतम अडानी की मौजूदगी में अधिकारियों की ओर से किये गये।
समूह की एक विज्ञप्ति के अनुसार इन समझौतों पर बुधवार को स्विटरलैंड के दावोस में विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) के वार्षिक सम्मेलन के दौरान अलग से आयोजित समारोह में हस्ताक्षर किये गये। इस अवसर पर तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी और अडानी समूह के अध्यक्ष गौतम अडानी मौजूद थे।
विज्ञप्ति के अनुसार तेलंगाना सरकार के साथ इन समझौतों में एक समझौता अडानी एंटरप्राइजेस लिमिटेड (एईएल) ने किया है जिसके तहत वह राज्य में 100 मेगावाट क्षमता का डाटा सेंटर बनाने के लिये पांच से सात साल के दौरान पांच हजार करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत की बिजली से चलाया जायेगा और इसमें 600 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा।
इसी तरह समूह की कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एजीईएल) ने भी राज्य में कोयाबेस्टागुडेम और नाचरम में क्रमश: 850 मेगावाट और 500 मेगावाट विद्युत उत्पादन क्षमता की दो पंप स्टोरेज परियोजनाओं पर निवेश का समझौता किया है।
एक अन्य समझौता अम्बुजा सीमेंट द्वारा राज्य में 60 लाख टन क्षमता के सीमेंट कारखाने के लिये है जिसमें पांच साल में 1400 करोड़ रुपये का निवेश किया जाना है। इसमें 400 लोगों को रोजगार मिलेगा।
चौथा समझौता अडानी डिफेंस एंड एयरो स्पेस ने किया है जिसके तहत वह राज्य में एक हजार करोड़ रुपये के निवेश से एक ड्रोन और मिसाइल हमला रोधक प्रणाली का कारखाना स्थापित करेगी।
समूह ने दाओस में ही महाराष्ट्र सरकार के साथ राज्य में 50 हजार करोड़ रुपये के निवेश से एक गीगा वाट( एक हजार मेगावाट) क्षमता का वृहद डाटा स्टोरेज केन्द्र स्थापित करने का करार किया। समूह की विज्ञप्ति के अनुसार इस समझौते पर समूह की कंपनी एईएल और महाराष्ट्र सरकार के अधिकारियों ने हस्ताक्षर किये। इस अवसर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अडानी समूह के प्रमुख गौतम अडानी मौजूद थे।
अडानी समूह ने कहा है कि महाराष्ट्र में उसकी डाटा स्टोरेज सुविधायें मुम्बई, नवी मुंबई और पुणे जैसे महत्वपूर्ण केन्द्रों पर होंगी। इनका विकास 10 साल में करने का लक्ष्य है और इससे राज्य में 20 हजार लोगों को प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रोजगार के अवसर मिलेंगे। इन्हें हरित ऊर्जा से परिचालित किया जायेगा।