मुजफ्फरनगर। जनपद में दिन निकलते ही एक बड़ा हादसा उस समय हो गया जब देर रात से हो रही बरसात के चलते एक गरीब का कच्चा आशियाना भरभरा कर गिर गया। जिसके मलबे में परिवार के 5 लोग दब गए थे। जिनमें दो बच्चों की मौके पर ही दुखद मौत हो गई तो वही तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हो गये। जिन्हें घायल अवस्था में मलबे से निकालकर ग्रामीणों द्वारा अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया गया। घटना के बाद जहां मौके पर जिला प्रशासन के लोग घटना का मुआयना करने के लिए पहुंचे तो वहीं लोकदल के क्षेत्रीय विधायक अनिल कुमार ने भी मौके पर पहुँचकर पीड़ितों का हाल चाल जाना।
घटना नई मंडी कोतवाली क्षेत्र स्थित नसीरपुर गांव की है। जहां देर रात से हो रही बरसात के चलते इदरीश नाम के एक व्यक्ति के कच्चे मकान की छत दिन निकलते ही उस समय भरभरा कर गिर गई जब परिवार घर में सोया हुआ था। इस दौरान मलबे में दबकर इदरीश के 14 वर्षीय पुत्र उवैश और 13 वर्षीय भांजे असलम की जहाँ मौके पर ही दुखद मौत हो गई तो वही 40 वर्षीय इदरीश और उसकी 11 वर्षीय पुत्री करीन ,16 पुत्र समीर गंभीर रूप से घायल हो गए। जिन्हें घटना के बाद आसपास के स्थानीय लोगों ने बामुश्किल मलबे से बाहर निकाल कर उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया।
घटना के बाद जहां प्रशासनिक अधिकारी पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे और घटना का जायजा लिया तो वही सूचना पर पुरकाजी विधानसभा सीट से लोकदल के स्थानीय विधायक अनिल कुमार भी मौके पर पहुंचे। जहां उन्होंने पीड़ितों का हाल-चाल जानते हुए सरकार पर जमकर अपनी भड़ास निकाली।
विधायक अनिल कुमार ने कहा कि घटना बहुत दुखद है व हमारे क्षेत्र के गांव नसीरपुर में ये हुआ है। चूंकि कई दिन से बरसात हो रही है तो छत गिरने से चार पांच लोग इसमें दबे हैं जिसमें 4 बच्चे थे एवं दो बच्चों का दुखद निधन हो गया है बड़े दुख की बात है लेकिन यह घटना सरकार के उन दावों की पोल भी खोलती है जो सरकार यह कहती है कि हमने हर गरीब व्यक्ति को मकान दे दिया है अगर गरीब आदमियों को पक्के मकान मिल जाते तो शायद आज यह घटना ना होती एवं यह सरकार के दावों की पोल खोल रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार यह कहती है कि जो आखिरी पंक्ति पर व्यक्ति खड़ा है उसको भी हमने मकान दें दिया है व दूसरा जो सरकार के मानक हैं उनमें भी सरकार को चेंज करना चाहिए और अगर कोई व्यक्ति ग्राम सभा में मकान के लिए आवेदन भी करता है तो यह कह कर उसका आवेदन अस्वीकार कर दिया जाता है कि इसकी तो पक्की दीवारे हैलेकिन ठीक है उसकी दीवार पक्की थी पर छत तो उसकी कच्ची थी व छत कच्ची होने के कारण घटना हो गई, पहले सरकारों में छत के लिए अलग से पैसा आता था। लेकिन अब वह भी सरकार ने बंद कर दिया व गरीब आदमी का जीना सरकार में दुभर हो गया है एवं सरकार के प्रतिनिधियों व प्रशासन के लोगों से मैं यह जरूर चाहूंगा कि इस घटना को गंभीरता से लें और भी क्षेत्र में ऐसे मामले हैं। जहां गरीब लोग कच्ची छतो में रह रहे हैं तो वहां घटना ना घटे ऐसे मकानों को चिन्हित करके उन मकानों को बनवाने का काम करना चाहिए एवं इस परिवार को आर्थिक मदद के साथ साथ जिला प्रशासन को इनका एक मकान तत्काल प्रभाव से बनवाकर इसका तत्काल संज्ञान भी लेना चाहिए।
घटना की देते हुए एसडीएम सदर परमानंद झा ने बताया कि आज सुबह लगभग 7:40 पर यह घटना घटी है व मैं एवं सीओ साहब घटना पर पहुंच गए थे वहां से घायलों को यहां अस्पताल भेजा गया है, यहां मैं जानकारी देना चाह रहा हूं कि 2 व्यक्तियों की मृत्यु हो गई है व दोनों बच्चे थे जिसमें 1 इनका भांजा था, यह इदरीश पुत्र नत्थू का मकान है एवं ऊपर से भी ये कच्चा मकान था क्योंकि हम लोगों ने वहां जाकर जो पीड़ित परिवार है उसे पूरी तरह देखा एवं उसके बाद यहां अस्पताल में भिजवाया है, यहां घायलों का प्रॉपर इलाज चल रहा है वह तीनों सुरक्षित हैं वही 2 बच्चों की मृत्यु हो चुकी है उसको जो भी नियम अनुसार सहायता है वह जांच उपरांत की जाएगी, घायलों की हालत अब ठीक है और पिछले 1 घंटे से हम लोग यहां इसी वजह से बैठे हैं ताकि इनको प्रॉपर उपचार मिल जाए, यह जांच करके दिखा लेते हैं यदि यह पात्रता की श्रेणी में है तो उनको जरूर ही इसका लाभ दे दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि आपने देखी होगी कि इसमें कितनी पात्रता है 30 वर्ग मीटर में तो आप वर्ग मीटर देख लीजिये जाकर वे यह कहने की जरूरत नहीं है, जिला प्रशासन बिल्कुल संवेदनशील है व घटना घटी 15 मिनट के अंदर मैं और सीओ साहब वहां पहुंचे हैं, आगे ऐसी घटना ना हो इसके लिए मैं आप के माध्यम से अपील करना चाहता हूं कि अगर बारिश है वह कच्ची छत है तो ऊपर पन्नी अच्छी तरह बिछाए व कोशिश करें कि कच्चा घर ना रहे लेकिन ग़रीबी के कारण सभी को कच्चा घर पक्के में तब्दील करना संभव नहीं है लेकिन प्रशासन फिर भी प्रयासरत है।
इस घटना के बारे में पीड़ित इदरीश की माने तो बारिश की वजह से मकान के ऊपर से पूरी की पूरी छत नीचे गिरी है, हम नसीरपुर के रहने वाले हैं, इस घटना में 5 लोग दबे हैं एवं अभी उनकी हालत बहुत खराब है मुझे नहीं पता अभी वह कहां है बस यह पता है कि सब अस्पताल में भर्ती हैं, सबको पब्लिक ने बाहर निकाला और जनता ने मेरा बहुत साथ दिया है।