नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के एक और वरिष्ठ नेता ने पार्टी को बॉय-बॉय बोलकर बीजेपी का दामन थाम लिया है। दरअसल, राजस्थान के बागीदौरा से कांग्रेस विधायक महेंद्रजीत सिंह मालवीय कांग्रेस से इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हो गए।
सोमवार को वो राजधानी जयपुर स्थित बीजेपी मुख्यालय पहुंचे, जहां उन्हें प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह, प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी की मौजूदगी में पार्टी में शामिल किया गया। इस बीच बीजेपी के वरिष्ठ नेता राजेंद्र राठौर ने उनका स्वागत किया।
बीजेपी में शामिल होने से पहले महेंद्रजीत को मीडियाकर्मियों ने घेर लिया। उनसे सवाल किया गया कि आखिर वो ऐसा कदम क्यों उठाने जा रहे हैं? हालांकि, उन्होंने इस सवाल का सीधा जवाब तो नहीं दिया, मगर इतना जरूर कहा, ‘’आज देश में विकास की बात हो रही है। हर कोई विकास पर खुलकर बात कर रहा है। लिहाजा आज की तारीख में डबल इंजन की सरकार की जरूरत है।‘’
उनके इस बयान से साफ जाहिर होता है कि वो अब केंद्र के साथ सभी राज्यों में भी बीजेपी की सरकार का नेतृत्व होने की बात पर जोर दे रहे हैं। महेंद्रजीत सिंह ने आगे कहा कि 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी, तो मेरा उस कार्यक्रम में जाने का बहुत मन था, लेकिन पार्टी नेतृत्व के हस्तक्षेप की वजह से इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सका, जिसकी पीड़ा आज भी मेरे मन में है। मैं सनातन धर्म को मानने वाला हूं। मैं देवी-देवताओं का उपासक हूं। मैं बिना सनातन धर्म के नहीं रह सकता।
इस बीच महेंद्रजीत ने इतिहास में जाकर आदिवासियों की कुर्बानी का भी जिक्र किया, जिसमें उन्होंने कहा कि 1913 में 1,500 आदिवासियों ने अपने प्राण की आहुति दे दी थी। मैंने खुद आदिवासियों के बीच में रहकर खूब काम किया, लेकिन, अफसोस आज तक किसी भी प्रधानमंत्री ने इन आदिवासियों की शहादत का जिक्र नहीं किया। अगर किसी ने किया, तो वो इकलौते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही थे, जिन्होंने बीते दिनों मानगढ़ धाम में आकर आदिवासियों की कुर्बानी को सलाम किया था। मैं निजी तौर पर प्रधानमंत्री के इस कदम से काफी प्रभावित हुआ था।
बीजेपी का दामन थामने के बाद महेंद्रजीत सिंह ने अपनी पहली प्रतिक्रिया में कहा कि वो बचपन से बीजेपी के साथ आना चाहते थे। यही नहीं, सिंह 1998 में बीजेपी की टिकट पर सांसद भी बने थे, जिसके बाद वो कांग्रेस में शामिल हो गए थे। ऐसे में अब उनके बीजेपी में आने के कदम को उनकी घर वापसी से जोड़कर देखा जा रहा है।
अब देखना होगा कि आगामी लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी की ओर से उन्हें किस भूमिका में रखा जाता है। गौरतलब है कि इससे पहले भी कांग्रेस के कई दिग्गज पार्टी को अलविदा कह बीजेपी का दामन थाम चुके हैं।