लखनऊ। केन्द्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन व श्रम मंत्री भूपेन्द्र यादव ने कहा है कि जैव विविधता का संकट व धरती का निरन्तर बढ़ता तापमान सबसे बड़ा संकट है। इसलिए पर्यावरण के क्षेत्र में बेहतर कार्य करना है
सोमवार को लखनऊ में उन्होंने कहा कि टाइगर सुरक्षा का कार्य हम कर रहे हैं। देश में टाइगर की संख्या में वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश में भी अब टाइगर रिजर्व तीन हो गए हैं। चौथे टाइगर रिजर्व के लिए मख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का प्रस्ताव है।
वह इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित दो दिवसीय ‘नेशनल क्लाइमेट कॉन्क्लेव-2023’ के उद्घाटन अवसर पर बोल रहे थे।
भूपेन्द्र यादव ने कहा कि एथेनाल के उत्पादन में उत्तर प्रदेश देश का नंबर वन राज्य बना है। प्रगति पथ पर बढ़ता उत्तर प्रदेश यह दर्शाता है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेृत्व में उत्तर प्रदेश उत्तम प्रदेश बनने की ओर अग्रसर है।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि मौसम परिवर्तन के कारण बाढ़ और समुद्रों में तूफान आता है। भारत में अर्ली वारर्निंग सिस्टम डेवलप किया जा रहा है। इससे बाढ़ व तूफान आने से पहले सूचना प्राप्त की जा सकेगी।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2015 में दुनिया के सारे देश जलवायु परिवर्तन पर बात करने आये थे, प्रधानमंत्री ने मिशन लाइफ को दुनिया के सामने रखा। भारत ने कहा कि दुनिया में बढ़ते हुए तापमान के संकट से अगर निपटा जा सकता है तो विभिन्न देशों की सरकारों की नीतियों के साथ-साथ सामाजिक संस्थाओं और व्यक्तियों को अपने व्यक्तिगत व्यवहार में बदलाव लाना होगा। भारत ने वैकल्पिक ऊर्जा के क्षेत्र में 2030 के लक्ष्य को समय से पहले 2021 में प्राप्त किया।
भूपेन्द्र यादव ने कहा कि भारत सरकार पर्यावरण संरक्षण के विषय को जन जन तक ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है। सुदूर गांव में बसे हर परिवार में उजाला लाना होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में स्वर्णिम भारत बनाने में उत्तर प्रदेश का महत्वपूर्ण योगदान रहने वाला है। पहले उत्तर प्रदेश कानून व्यवस्था की स्थिति में बदहाल था। हमारी गांव की सड़क ठीक नहीं थीं लेकिन अब ऐसा नहीं है।
उत्तर प्रदेश के वन मंत्री डा. अरुण कुमार सक्सेना ने कहा कि उत्तर प्रदेश को पर्यावरण के क्षेत्र में और बेहतर बना सकें, इस दिशा में यह कान्क्लेव मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि दुनिया एक है। अगर धरती का तापमान बढ़ता रहा तो दुनिया को विनाश से कोई रोक नहीं पायेगा। पर्यावरण व वन्य जीवों का संरक्षण करना होगा। विकास होना चाहिए लेकिन पर्यावरण का ध्यान रखना होगा।