नयी दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े भारतीय मजदूर संघ ने मनरेगा में रोजगार की अवधि 200 दिन तक बढ़ाने और इसके दायरे में कृषि और सहयोगी क्षेत्रों को शामिल करने की मांग की है।
भारतीय मजदूर संघ ने सोमवार देर शाम यहां केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में केंद्रीय बजट 2024-25 पूर्व परामर्श बैठक में कहा कि आशा कार्यकर्ता, आंगनवाडी कार्यकर्ता, मिडडे मील कार्यकर्ता और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के लिए मानदेय बढ़ाया जाना चाहिए।
मजदूर संघ ने कहा कि आगामी बजट में ग्रामीण विकास, छोटे उद्योगों , विनिर्माण, निर्यात और आधारभूत ढ़ांचा क्षेत्र पर जोर दिया जाना चाहिए।
इसके अलावा बैठक में मजदूर नेताओं ने कहा कि सभी पेंशन योजनाओं में पेंशन के रूप में अंतिम वेतन का पचास प्रतिशत और महंगाई भत्ता सुनिश्चित किया जाना चाहिए। उन्होंने पुरानी पेंशन प्रणाली बहाल करने को भी कहा। बीड़ी मजदूरों और असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए भी उचित मानदेय सुनिश्चित करने की मांग की। उन्होंने कहा कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की पेंशन योजना ईपीएस 95 में सभी पेंशन धारकों को कम से कम पांच हजार रुपए प्रतिमाह पेंशन और महंगाई भत्ता दिया जाना चाहिए और सभी पात्र परिवारों को आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत लाया जाना चाहिए।
राेजगार के मुद्दे पर मजदूर संगठन ने कहा कि केंद्र सरकार को लगभग 20 लाख रिक्त पदों काे अतिशीघ्र भरना चाहिए। इसके अलावा नगर निगमों और पंचायत स्तर पर भी कर्मचारियों की भर्ती करने की व्यवस्था की जानी चाहिए। अनुबंध पर काम करने वाले कर्मचारियों को नियमित किया जाना चाहिए। सभी जिला मुख्यालयों में उद्यम केंद्र स्थापित किये जाने चाहिए और युवाओं की क्षमता की लाभ उठाना चाहिए। सरकार को शीघ्र आठवां वेतन आयोग गठित करना चाहिए। केंद्रीय बजट में मध्यम वर्ग को आयकर में छूट दी जानी चााहिए।