Saturday, April 27, 2024

अपने महावत समेत 4 को मार चुका है बीजेपी विधायक का हाथी, हर बार मामला हो जाता है मैनेज

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गोरखपुर-च‍िलुआताल थाना के मोहम्‍मदपुर माफी गांव में गुरुवार दोपहर में द‍िल दहला देने वाली घटना घटी। यज्ञ की कलश यात्रा में शामिल गोरखपुर ग्रामीण के भाजपा विधायक विपिन सिंह का हाथी बिदक गया। हाथी ने दो मह‍िलाओं व चार वर्षीय बच्चे को सूंड में लपेटकर पटकने के बाद कुचल दिया। दोनों मह‍िलाओं की मौके पर व चार वर्षीय बच्चे की अस्पताल ले जाते समय मृत्यु हो गई। घटना के पांच घंटे बाद हाथी पर काबू पाया गया। यह हाथी इससे पहले अपने महावत की भी जान ले चुका है,पर हर बार मामला मैनेज हो जाता है।

इस घटना पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गहरा दुख जताया है। उन्होंने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए पीड़ितों को पांच-पांच लाख रुपये दिए जाने की घोषणा की है।

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उल्लेखनीय है कि गोरखपुर जिले के तिवारीपुर इलाके के जगतबेला स्थित मोहम्मदपुर माफी गांव में गुरुवार को यज्ञ समारोह का आयोजन था। यहां पर एक हाथी बिदक (भड़क) गया। गुस्साएं हाथी ने कई लोगों को रौंद दिया। इस घटना में तीन लोगों की मौत हो गई है जबकि कई लोग गंभीर रुप से घायल हो गए। मौके पर पहुंची पुलिस और वन विभाग की टीमों ने गांव से खेत की ओर भागे हाथी को काफी मशक्कत के बाद काबू किया। घटना को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी दुख जताया और मृतक के परिजनों को पांच—पांच लाख रुपये मुआवजा देने का निर्देश दिया है।

गोरखपुर में गुरुवार को BJP विधायक विपिन सिंह का यह वही हाथी है, जिसे विधायक के लोग वन विभाग के कब्जे से छुड़ा ले गए थे। सामने आया है कि इसी हाथी ने 13 जनवरी, 2020 को अपने महावत शब्बीर (25) को पटक कर मार डाला था। हाथी गंगा प्रसाद अब तक 4 लोगों की जान ले चुका है।

हालांकि, गोरखपुर में हाथी के भड़कने या किसी की जान लेने का यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी कई बार यहां हाथियों ने लोगों की जान ली है। लेकिन, हर बार मामला मैनेज हो जाता है।

हैरानी की बात तो यह है कि वन विभाग और जिला प्रशासन को पता ही नहीं है कि गोरखपुर में कितने लोगों के पास हाथी हैं? न ही उनके लाइसेंस की जानकारी है। हालांकि 2018 में हुए सर्वे में शहर में 10 लोगों के पास 12 हाथी होने की पुष्टि हुई थी। लेकिन, लाइसेंस किसी के पास भी नहीं मिला था। उस समय शासन के निर्देश पर हाथी पालने वाले लोगों पर केस भी दर्ज कराया गया था। इसके बावजूद हाथियों को पालने और शादी आयोजनों में कमाई का सिलसिला अभी भी जारी है।

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