शामली। उत्तर प्रदेश के शामली जनपद में दिव्यांग प्रमाणपत्र न बनने सहित कई समस्याओं को लेकर बुधवार को दर्जनों दिव्यांगजन कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचे। जहां उन्होंने जिलाधिकारी अरविंद कुमार चौहान को एक शिकायती पत्र सौंपते हुए अपनी समस्याएं बताईं। डीएम ने उनकी बात गंभीरता से सुनी और समस्याओं के त्वरित समाधान का आश्वासन दिया।
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दिव्यांगजनों ने जिलाधिकारी को बताया कि प्रत्येक माह के पहले सोमवार को जिला अस्पताल में दिव्यांग प्रमाणपत्र बनाए जाने हेतु शिविर का आयोजन होता है, लेकिन वहां जांच के लिए आवश्यक संसाधनों की भारी कमी है। जिसके चलते अधिकतर दिव्यांगों को मेरठ या नोएडा जैसे बाहरी जिलों में रेफर कर दिया जाता है।”
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उन्होंने बताया कि हम में से कई शारीरिक रूप से पूरी तरह से आश्रित हैं, ऐसे में हम इतने दूर कैसे जाएंगे? हमें हर बार बाहर रेफर कर दिया जाता है, जिससे हमें भारी मानसिक और आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है।”
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दिव्यांगजनों की बातें सुनने के बाद डीएम अरविंद कुमार चौहान ने मौके पर ही अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि बाहरी जिलों में रेफर किए गए दिव्यांगजनों के आवागमन की व्यवस्था जिला प्रशासन स्वयं करेगा। साथ ही जल्द ही यह सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रमाणपत्र बनाने की संपूर्ण व्यवस्था जिला अस्पताल में ही उपलब्ध हो।”
डीएम ने बताया कि दिव्यांगजनों की प्रत्येक समस्या का समाधान प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा। हम उनके आत्मसम्मान और सुविधा के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं।”
डीएम से मुलाकात और सकारात्मक आश्वासन मिलने के बाद दिव्यांगजनों ने राहत की सांस ली। उनका कहना है कि यदि प्रशासन वास्तव में वादों को ज़मीन पर उतारे, तो हम भी समाज की मुख्यधारा में गरिमा के साथ जी सकते हैं।”