मुजफ्फरनगर। भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने कहा कि किसान अपनी अंतरात्मा की आवाज पर वोट दें। चुनाव के समय हम फंसकर खड़े हो जाते हैं। किसान सरकार के विरोधी तो हो सकते हैं, लेकिन गद्दार नहीं। खेती से शौक तो पूरे नहीं होंगे, लेकिन किसान भूखा भी नहीं मरेगा। वर्तमान में जमीन को बचाने की जरूरत है।
किसान भवन पर संगठन की मासिक पंचायत में टिकैत ने कहा कि वोट करना सबका स्वतंत्र अधिकार है। अपने भविष्य की सोच कर वोट डालनी होगी। सरकार के सामने भाकियू ही विपक्ष की भूमिका में हैं। किसान को संघर्ष करना पड़ेगा। किसान कर्ज में डूबा हुआ है। युवा बेरोजगार है। फसलों के भाव नहीं मिल रहे हैं। वर्ष 2019 से 2024 तक किसानों ने संघर्ष किया है। आने वाले समय में भी किसानों को संघर्ष के लिए तैयार रहना है।
उन्होंने कहा कि संगठन का ध्यान रखते हुए मजबूती के साथ आगे बढऩा है। संगठन में आस्तीन के सांप भी हैं, सावधानी से बचते हुए आगे बढऩा है। किसान सरकार के विरोधी तो हो सकते हैं, लेकिन गद्दार नहीं। संगठन पर शासन-प्रशासन हावी हो गया तो आप लोगों की आस्था टूट जाएगी, बहुत बड़ी कठिनाई का सामना करना पड़ेगा। बड़े-बड़े व्यापारियों की ओर इशारा करते हुए कहा कि इनके पास इतना पैसा है कि किसानों की जमीन खरीद कर उन्हें मजदूरी करने पर विवश कर देंगे।
भाकियू अध्यक्ष ने कहा कि वर्तमान सरकार के सामने भाकियू ने ही विपक्ष की भूमिका निभाई है। 2024 लोकसभा चुनाव में जो भी सरकार केंद्र की सत्ता में आए, उसे इन विषयों पर गंभीरता से चिंतन करना होगा। आप लोगों को किसी राजनीतिक नेता के जाल में नहीं फंसना है और बहुत ध्यान के साथ इस कठिन समय से निकलना है। किसान संघर्षशील हैं, ना कभी जाति देखी ना कभी मजहब और ना ही पार्टी, जब भी जरूरत पड़ी आप लोगों ने संघर्ष किया है।