नई दिल्ली। भारत दौरे पर आए अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने शुक्रवार को कहा कि भारत-अमेरिका रक्षा सहयोग “अंतर्राष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा को मजबूत करने और विशेष तौर पर संयुक्त राष्ट्र (यूएन) चार्टर के मूल सिद्धांतों – संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और स्वतंत्रता – तथा नियम आधारित व्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए काम करने में “महत्वपूर्ण स्तंभ” है।
ब्लिंकन ने आज सुबह राष्ट्रीय राजधानी में शुरू हुई 2 प्लस 2 भारत-अमेरिका मंत्रिस्तरीय वार्ता में अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में कहा, “हमारा रक्षा सहयोग, जिसे हम आज फिर से मजबूत कर रहे हैं, उस काम का एक प्रमुख स्तंभ है।”
साथ ही, अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में यह भी कहा कि पिछले वर्ष में हमारी प्रमुख रक्षा साझेदारी के निर्माण में प्रभावशाली लाभ हुए हैं, और इससे हमें शांति एवं स्थिरता के लिए और भी अधिक योगदान देने में मदद मिलेगी।”
उन्होंने कहा, “हम अपने औद्योगिक आधारों को एकीकृत कर रहे हैं, अपनी अंतरसंचालनीयता को मजबूत कर रहे हैं और अत्याधुनिक तकनीक साझा कर रहे हैं।”
ब्लिंकन ने कहा कि दोनों देश जून में वाशिंगटन में अपनी बैठक में राष्ट्रपति जो बाइडेन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सामने रखे गए दृष्टिकोण को पूरा करने के लिए बहुत ठोस कदम उठा रहे हैं।
उन्होंने बताया, “हम जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ क्वाड के माध्यम से अपनी साझेदारी को मजबूत करने सहित एक स्वतंत्र और खुले, समृद्ध, सुरक्षित और लचीले हिंद-प्रशांत क्षेत्र को बढ़ावा दे रहे हैं।”
ब्लिंकन ने आगे कहा कि “एक महत्वपूर्ण तरीका जो हम अपना रहे हैं, वह समुद्री क्षेत्र में जागरूकता बढ़ाना है। इसमें क्षेत्र के देशों के साथ उनकी क्षमता को बढ़ावा देने के लिए वाणिज्यिक उपग्रह डेटा साझा करना शामिल है – जैसे, अवैध मछली पकड़ने, समुद्री डकैती, नशीली दवाओं की तस्करी से निपटने के लिए”।
उन्होंने कहा, “हम हिंद-प्रशांत में मानवीय राहत और आपदा प्रतिक्रिया प्रयासों का भी समन्वय कर रहे हैं। हम समावेशी आर्थिक अवसर का विस्तार करते हुए अपनी अर्थव्यवस्थाओं को अधिक लचीला बनाने और अपने समुदायों को अधिक सुरक्षित बनाने के लिए नवाचार की शक्ति का एक साथ उपयोग कर रहे हैं।
“यह सेमीकंडक्टर और उन्नत जैव प्रौद्योगिकी पर सहयोग, हमारे देशों के साथ-साथ पूरे क्षेत्र में बड़े पैमाने पर स्वच्छ ऊर्जा को तैनात करने में हमारे अभूतपूर्व निवेश और अंतरिक्ष में हमारे संयुक्त अनुसंधान और अन्वेषण परियोजनाओं में स्पष्ट परिलक्षित है।”
शीर्ष राजनयिक ने दोनों देशों लोगों के बीच संबंधों और वीजा प्रतीक्षा समय को कम करने और भारत तथा अमेरिका के बीच यात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए उठाए जा रहे कदमों का उल्लेख किया।