मेरठ। ऋषिकेश के शिवपुरी में 12 मई को गंगा में डूबे निजी कंपनी के प्रोजेक्ट हेड अंकुर गोयल का शव घर पहुंचा तो परिवार के सभी लोग बेसुध हो गए। अंकुर की पत्नी और मां की हालत बिगड़ गई। सूरजकुंड श्मशान घाट पर आठ साल के बेटे ने अंकुर को मुखाग्नि दी। जिसने भी ये दृश्य देखा हर किसी की आंख नम हो गई। अंकुर के पिता फफक पड़े। वो इतना ही बोल पाए कि बेटा सब कुछ खत्म हो गया। तू ऐसे कैसे चला गया। ये देखकर हर किसी की रुलाई फूट पड़ी।
निजी कंपनी में प्रोजेक्ट हेड ब्रह्मपुरी निवासी अंकुर गोयल 10 मई को कंपनी के 35 कर्मचारियों के साथ टूर पर ऋषिकेश गए थे। 12 मई की सुबह अंकुर गोयल गंगा में नहाते वक्त डूब गए थे। एसडीआरएफ की टीम तब से ही तलाश में जुटी थी। उनका शव 11 दिन बाद घटनास्थल से 15 किलोमीटर दूर ऋषिकेश बैराज पर उनका शव बरामद हुआ।
बृहस्पतिवार शाम को सवा चार बजे परिजन शव लेकर घर पहुंचे तो माता राधा, पत्नी शिप्रा गोयल, 14 साल की बेटी अक्सरा और आठ साल का बेटा पार्थ और दोनों बहनों चांदनी और नीता का रोकर बुरा हाल हुआ। हर कोई यही कह रहा था कि हादसे ने परिवार को जिंदगी भर का गम दे दिया।
बूढ़े माता-पिता क्या करेंगे। रोते हुए परिजन यही कहते रहे कि अंकुर ने कम समय में मेहनत करके इतनी बड़ी जिम्मेदारी पाई थी। पिता का काम छुड़वाकर घर पर रहने को बोल दिया था। 15 दिन पहले ही नई गाड़ी लाया था। सब कुछ खत्म हो गया।