कानपुर देहात – उत्तर प्रदेश में कानपुर देहात जिले के रूरा क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने के दौरान हुए अग्नि काण्ड में मां-बेटी की मौत के मामले में उप जिलाधिकारी ज्ञानेश्वर प्रसाद को हिरासत में ले लिया गया है जबकि आरोपी जेसीबी चालक दीपक और लेखपाल अशोक सिंह को गिरफ्तार कर लिया है।
इस बीच घटना के 24 घण्टे बाद उप मुख्यमंत्री से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये पीड़ित परिवार की बात होने पर तथा उनकी मांगें मानने के बाद शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। सुरक्षा की दृष्टि से पूरे गांव में पीएसी तैनात की गई है।
पुलिस सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि रूरा थानाक्षेत्र के मड़ौली गांव में रहने वाले कृष्ण गोपाल दीक्षित के खिलाफ अवैध कब्जा करने की शिकायत थी। गांव के रहने वाले अनिल ने इनकी शिकायत की थी। जिसके बाद सोमवार को उप जिलाधिकारी मैथा ज्ञानेश्वर प्रसाद, पुलिस व राजस्व कर्मियों के साथ गांव में अतिक्रमण हटाने पहुंच गए थे।
पीड़ित के परिजनों ने आरोप लगाया है कि टीम ने जेसीबी से नल और मंदिर तोड़ने के साथ ही छप्पर गिरा दिया। जिस दौरान छप्पर में आग लग गई और वहां मौजूद प्रमिला (44) व उनकी बेटी नेहा (19) की आग की चपेट में आने से जल कर मौके पर ही मौत हो गई जबकि कृष्ण गोपाल गंभीर रूप से झुलस गए। घटना की सूचना पर आलाधिकारियों ने मौके पर पहुँच कर सभी को शांत कराया।
पीड़ितों की तहरीर के आधार पर उपजिलाधिकारी समेत 39 लोगों पर हत्या जैसी गम्भीर धाराओं पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। मुकदमें में गांव के अशोक, अनिल, निर्मल , विशाल जेसीबी ड्राइबर दीपक के साथ 10 से 12 अज्ञात ,उपजिलाधिकारी मैथा ज्ञानेश्वर प्रसाद ,कानूनगो, लेखपाल मंडौली अशोक सिंह, तीन अन्य लेखपाल थानाध्यक्ष रूरा दिनेश कुमार गौतम और 12 से 15 अज्ञात महिलाओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है।
मामले को देखते हुए जिले के पुलिस विभाग ने सक्रियता को दिखाते हुए उप जिलाधिकारी ज्ञानेश्वर प्रसाद को हिरासत में ले लिया। वहीं आरोपी जेसीबी चालक दीपक व लेखपाल अशोक सिंह को गिरफ्तार कर लिया है।अन्य लोगों की तलाश जारी है।
घटना के 24 घण्टे हो जाने के बाद भी जब पीड़ित परिजन अपनी मांग पर अड़े रहे और मुख्यमंत्री को घटनास्थल पर बुलाने के लिए बात करते रहे तो इसका संज्ञान मिलते ही उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने पीड़ित परिजनों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बात की और उनको हर सम्भव मदद का आश्वासन दिया। जिसके बाद परिजनों ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए जाने दिया।
इसी बीच कानपुर देहात जिले के रूरा में अतिक्रमण हटाने के दौरान लगी आग में मां बेटी की मृत्यु के बाद उत्तर प्रदेश की राजनीति गर्मा गयी है। समाजवादी पार्टी (सपा) और प्रदेश कांग्रेस के पदाधिकारियों ने मंगलवार को कानपुर देहात जाने का प्रयास किया मगर उन्हे बीच रास्ते से वापस कर दिया गया। इस दौरान विपक्षी दल के नेताओं से पुलिस प्रशासन की तीखी नोकझोंक हुयी। प्रदेश कांग्रेस ने इस सिलसिले में बुधवार को राज्यपाल से मिलने का समय मांगा है।
इस बीच राज्य के उपमुख्यमंत्री ने वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिये मृतका के पुत्र से बातचीत कर परिवार को न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया। उपमुख्यमंत्री के फोन पर पीडित परिवार के सदस्य से बात करने की भर्त्सना करते हुये सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट किया “ शर्मनाक। विपक्ष को पुलिस प्रशासन द्वारा पीड़ित परिवार से मिलने से रोकना और सरकार के उप मुख्यमंत्री का स्वयं में सरकार होते हुए शोकाकुल परिवार को फोन पर सरकार के साथ खड़े होने का आश्वासन देना दुर्भाग्यपूर्ण है।”
एक अन्य ट्वीट में उन्होने आरोप लगाया कि पीडित परिवार से हुयी बातचीत का वीडियो कांटा छांटा गया है। उन्होने कहा “ दिखावटी भाजपाई संवेदना का शर्मनाक वीडियो। भाजपाइयों ने अपना हिस्सा तो दिखा दिया लेकिन पीड़ित की माँग का हिस्सा काट दिया। ये भाजपाई असंवेदनशीलता का निकृष्टतम रूप है। सत्ता के अहंकार की अग्नि ने एक परिवार को भस्म कर दिया। कानपुर नगर या कानपुर देहात ही नहीं पूरा उप्र भाजपा सरकार के अन्याय का शिकार हो रहा है।”
पार्टी महासचिव शिवपाल सिंह यादव ने ट्वीट किया “ कानपुर में हुई अमानवीय घटना के बाद पीड़ित परिवार से संवेदना प्रकट करने जा रहे समाजवादी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल को योगी सरकार के प्रशासन द्वारा रोका जाना बेहद निंदनीय। आरोपी डीएम, एसडीएम और लेखपाल पर दर्ज हो धारा 302 के अंतर्गत मुकदमा।”
उधर कानपुर देहात की ओर कूच कर रहे कांग्रेसी पदाधिकारियों को पुलिस ने उन्नाव के नवाबगंज टाेल प्लाजा पर रोक लिया। इस दौरान नेताओं की पुलिस अधिकारियों से तीखी नोकझोक हुयी मगर उन्हे वापस लौटना पड़ा। इस मामले को लेकर कांग्रेस ने राज्यपाल को पत्र लिखकर बुधवार को उनसे मुलाकात का समय मांगा है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी ने कल ही एक संवाददाता सम्मेलन भी बुलाया है।