Friday, April 25, 2025

ब्रैम्पटन के हिंदू सभा मंदिर के पुजारी पर हिंसा को बढ़ावा देने का आरोप, मंदिर ने पुजारी को किया निलंबित

नई दिल्ली। कनाडा के ब्रैम्पटन स्थित एक हिंदू मंदिर, हिंदू सभा मंदिर ने अपने एक पुजारी को निलंबित कर दिया है। इस पुजारी पर हाल ही में खालिस्तानी प्रदर्शनकारियों के साथ हुई हिंसक झड़प में भड़काऊ बयानबाजी करने का आरोप है। मंदिर के अध्यक्ष मधुसूदन लामा ने इस कार्रवाई की पुष्टि की है। यह घटना 3 नवंबर को हुई थी जब खालिस्तानी समर्थकों ने हिंदू सभा मंदिर के बाहर झंडे लहराए और प्रदर्शन किया। इस दौरान भारतीय अधिकारियों की उपस्थिति में चल रहे एक काउंसलर कार्यक्रम में हिंसा भड़क उठी।

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खालिस्तानी प्रदर्शनकारियों के आक्रामक रुख के बाद, मंदिर के बाहर हिंदू समुदाय के लोग बड़ी संख्या में एकजुट हो गए। यह प्रदर्शनकारी मंदिर परिसर में खालिस्तानी झंडे लहराते हुए दिखाई दिए, जिससे समुदाय के भीतर रोष व्याप्त हो गया। झड़प के बाद, ब्रैम्पटन में तनाव की स्थिति बनी हुई है और स्थानीय प्रशासन ने इस मामले पर विशेष ध्यान दिया है।

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ब्रैम्पटन के मेयर पैट्रिक ब्राउन ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि कनाडा में सिख और हिंदू समुदाय आपसी सद्भाव के साथ रहना चाहते हैं और हिंसा किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने कहा, “सिख और हिंदू समुदाय का नेतृत्व किसी भी तरह की घृणा, विभाजन और हिंसा को बढ़ावा नहीं देना चाहता है। हम किसी को भी समुदायों के बीच विभाजन पैदा करने की अनुमति नहीं देंगे।” ब्राउन के बयान से यह स्पष्ट होता है कि दोनों समुदायों के बीच शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए प्रशासन भी कटिबद्ध है।

ओंटारियो सिख और गुरुद्वारा परिषद ने की हिंसा की निंदा

ओंटारियो सिख और गुरुद्वारा परिषद ने भी इस हिंसक झड़प की निंदा की है। उन्होंने हिंदू सभा मंदिर के बाहर हुई हिंसा की आलोचना करते हुए कहा कि यह घटनाएँ किसी भी तरह से स्वीकार्य नहीं हैं और इनसे दोनों समुदायों के बीच तनाव और विभाजन को बल मिलता है।

प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और भारत की प्रतिक्रिया

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भी इस घटना पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि हर कनाडाई नागरिक को अपने धर्म का पालन करने का अधिकार है, और इस अधिकार की रक्षा की जाएगी। भारत ने भी इस घटना की कड़ी निंदा की है और कनाडा में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा पर गहरी चिंता जताई है। भारतीय सरकार ने कनाडा से भारतीय समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया है।

झड़प कैसे शुरू हुई?

ब्रैम्पटन में यह झड़प उस समय शुरू हुई जब खालिस्तानी समर्थक प्रदर्शनकारी खालिस्तानी झंडे लेकर मंदिर के अधिकारियों और भारतीय वाणिज्य दूतावास द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित एक कार्यक्रम में पहुंचे। सोशल मीडिया पर इस झड़प के वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिनमें हाथापाई के दृश्य देखे जा सकते हैं। वीडियो में लोगों को डंडों का इस्तेमाल करते और एक-दूसरे पर हमला करते हुए भी देखा जा सकता है। इस हिंसा के बाद से ब्रैम्पटन में तनाव बढ़ गया है और स्थानीय प्रशासन स्थिति को नियंत्रित करने में जुटा हुआ है।

ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर के पुजारी को निलंबित किए जाने और खालिस्तानी समर्थकों के साथ हुई हिंसक झड़प ने कनाडा में भारतीय और सिख समुदायों के बीच तनाव को उजागर कर दिया है। प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो, ब्रैम्पटन के मेयर पैट्रिक ब्राउन, और अन्य संगठनों ने इस घटना की निंदा की है। भारतीय समुदाय और सिख समुदाय दोनों के नेताओं ने सद्भाव और शांति बनाए रखने का आह्वान किया है।

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