शामली। जनपद में शामली लोनी मार्ग पर चलने वाली प्राइवेट मिनी बसों का संचालन बंद करने हेतु शासनादेश के अंतर्गत एआरटीओ द्वारा प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मिलकर की जा रही लगातार कार्रवाई के बाद भी उक्त बसें सड़कों पर धड़ल्ले से फराटा भर रही है। जहा बस संचालकों में एआरटीओ का जरा भी खौफ नजर नहीं आ रहा है। वहीं उक्त बसो के संचालन से परिवहन विभाग को हर महीने करोड़ों रुपए की हानि हो रही है।
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आपको बता दें कि पूरा मामला शहर के रोडवेज बस स्टैंड का है। जहाँ पिछले 2 दिन से एआरटीओ रोहित राजपूत के द्वारा पुलिस बल में प्रशासनिक अधिकारियों के साथ शासन आदेश के अंतर्गत शामली लोनी मार्ग पर प्राइवेट मिनी बसों का संचालन बंद करवाए जाने हेतु लगातार कार्रवाई की जा रही है। जहां गत दिवस एआरटीओ ने एसडीएम सदर व पुलिस बल के साथ शासनादेश का उल्लंघन करने के संबंध में दो प्राइवेट मिनी बसों को सीज भी किया था। लेकिन इसके बावजूद भी शामली लोनी मार्ग पर उक्त बसे सरेआम दौड़ रही है।
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जहा बस संचालकों द्वारा बिना किसी ख़ोफ के बसों में रोडवेज बस स्टैंड के बाहर से ही सवारियों को ढोया जा रहा है। जब इस मामले में एसडीएम सदर से बात की गई तो उन्होंने उक्त मामले को परिवहन विभाग का मामला बताते हुए पल्ला झाड़ लिया। वही जब इस संबंध में एआरटीओ रोहित राजपूत से बात करने का प्रयास किया तो उन्होंने फोन उठाना भी उचित नहीं समझा। जिससे उनकी कार्यशैली पर सवालिया निशान लग रहे हैं।
वही जब इस मामले में परिवहन विभाग के उच्च अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि सन् 2021 में विधानसभा में गजट पास हुआ था।जिसके चलते पिछले 3 ,4 वर्षो से उक्त बसे अवैध तरीके से चल रही है। क्योंकि शासनादेश के अंतर्गत प्राइवेट मिनी बसों का संचालन राष्ट्रीयकृत मार्ग पर नही किया जा सकता है। उक्त बसों के संचालन से परिवहन विभाग को भी प्रतिमाह करोड़ों रुपए की हानि हो रही हैं। वही उक्त मामले में एआरटीओ द्वारा इतने जोर शोर से कार्यवाही किए जाने के बाद भी उसका असर नहीं दिख रहा है और प्राइवेट मिनी बसे धडल्ले से प्रतिबंधित मार्ग पर दौड़ रही है।
वही बस संचालकों की इस मनमानी से संबंधित विभाग की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह लग रहे है। वही आरएम के मुताबिक अगर उक्त वाहनों का संचालन 3 वर्ष पूर्व शामली लोनी मार्ग पर बंद कर दिया गया था, तो उसके बाद भी ये प्राइवेट मिनी बसे आखिर किसके रहमो करम पर अब तक चल रही है। यह एक बड़ा सवाल है।