Monday, December 23, 2024

वायुसेवा में शामिल हुआ ‘सी-295 एयरक्राफ्ट’, एयरबेस पर दिखी ड्रोन शक्ति

नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को सी-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट को भारतीय वायु सेना में शामिल किया। गाजियाबाद स्थित हिंडन एयरबेस पर भारतीय संस्कृति के तहत विधिवत पूजा व मंत्र उच्चारण के बीच यह विमान भारतीय वायु सेवा में शामिल किया गया। सी-295 एयरक्राफ्ट भारतीय वायु सेना के सबसे आधुनिकतम ट्रांसपोर्ट विमानो में से एक है।

भारत ने यह विमान यूरोपियन कंपनी एयरबस डिफेंस एंड स्पेस से भारतीय वायु सेना के लिए खरीदा है। विमान की डिलीवरी भारतीय वायु सेन को स्पेन में दी गई थी। सोमवार को इसे हिंडन एयरबेस पर वायु सेना में शामिल कर लिया गया।

इससे पहले हिंडन वायुसेना एयरबेस पर एक खास ड्रोन शो हुआ। गाजियाबाद स्थित हिंडन एयरबेस पर यह ‘भारत ड्रोन शक्ति’ कार्यक्रम 26 सितंबर तक चलेगा। ड्रोन शक्ति कार्यक्रम के अंतर्गत, ड्रोन के 50 से अधिक लाइव हवाई प्रदर्शन किए गए।

इसके बाद हिंडन एयरबेस पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय वायु सेना को पहला सी-295 मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट सौंपा। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक ‘भारत ड्रोन शक्ति’ के दौरान बेहतरीन ड्रोन की उड़ानों का प्रदर्शन किया गया। साथ ही साथ कई नए एवं आधुनिक उत्पाद लॉन्च हो रहे हैं।

देशभर के 75 से ज्यादा ड्रोन स्टार्टअप और कॉरपोरेट्स इस ‘भारत ड्रोन शक्ति’ कार्यक्रम में शामिल हो रहे हैं।

कार्यक्रम में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और वायुसेना प्रमुख वीआर चौधरी मौजूद रहे। भारतीय वायु सेना का पहला सी-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट बीते बुधवार को ही भारत पहुंचा है। यह विमान गुजरात में वडोदरा के वायु सेना स्टेशन पर उतरा था।

भारतीय वायु सेना का यह है ट्रांसपोर्ट विमान माल्टा और मिस्र में हॉल्ट लेते हुए भारत पहुंचा। अब हिंडन स्टेशन में सी-295 विमान को औपचारिक रूप से वायु सेना में शामिल किया गया।

वायु सेना के मुताबिक यह एयरक्राफ्ट शॉर्ट टेक-ऑफ और लैंडिंग कर सकते हैं। विशेषज्ञों मुताबिक यह विमान महज 320 मीटर की दूरी में ही टेक-ऑफ कर सकता है। लैंडिंग के लिए इसे मात्र 670 मीटर की लंबाई चाहिए। ऐसी स्थिति में यह विमान भारत चीन सीमा के नजदीक लद्दाख, कश्मीर, असम और सिक्किम जैसे पहाड़ी इलाकों में वायु सेना के ऑपरेशन में शामिल हो सकता है।

एयरक्राफ्ट अपने साथ 5 से 10 टन तक वजन ले जा सकता है। विमान एक बार में अपने साथ 71 सैनिक, 44 पैराट्रूपर्स, 24 स्ट्रेचर या 5 कार्गो पैलेट को ले जा सकता है। इसके साथ ही यह ट्रांसपोर्ट विमान 480 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से 11 घंटे तक उड़ान भर सकता है।

एयरबस डिफेंस एंड स्पेस के साथ की गई डील 56 विमानों के लिए है। इनमें से 16 विमानों का निर्माण स्पेन में हो रहा है जबकि शेष बचे 40 विमान गुजरात के वडोदरा में टाटा एडवांस सिस्टम कंपनी द्वारा तैयार किए जाएंगे।

सितंबर 2021 में भारत ने यूरोपियन कंपनी एयरबस डिफेंस एंड स्पेस के साथ कुल 56 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट के लिए करीब 21,935 करोड़ रुपए की डील की है।

सी295 विमान भारतीय वायु सेना के एवरो-748 विमानों का स्थान लेंगे। यह विमान भारतीय वायुसेना में बीते छह दशक पहले सेना में आए थे। सी295 विमान का इस्तेमाल सैन्य साजो-सामान और रसद पहुंचाने के लिए किया जाता है। यह विमान ऐसे स्थान पर भी पहुंच सकता है जहां भारी ट्रांसपोर्ट विमानों के जरिए नहीं पहुंचा जा सकता।

टाटा एडवांस सिस्टम 2024 के मध्य तक सी-295 विमान बनाना शुरू करेगी। फिलहाल, इसकी फाइनल असेम्बली लाइन का काम चल रहा है। भारत में पहला स्वदेशी सी-295 विमान 2026 में बन कर तैयार होगा।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

74,303FansLike
5,477FollowersFollow
135,704SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय